एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के हिलसा थाना के बड़की घोसी गांव के पास पटना जिले के बाढ़ निवासी कम्पांडर अजय यादव की हुई हत्या की गुत्थी सुलझा लेने का पुलिस ने दावा किया है। बदले की भावना और धन की लालच में हुई इस हत्या में कोई और नहीं बल्कि अपने नजदीकी रिश्तेदार ही शामिल निकले।
हत्या के ठोस कारणों की तफ्शीस में जुटी पुलिस को तकनीकी अनुसंधान में सबसे बड़ी सुराग हाथ लगी। अनुसंधान में मिले सुराग की राह पर पुलिस कदम बढ़ायी तो कड़ी-दर-कड़ी हत्या का राज खुलते चला गया और अंत में पुलिस को वह सबकुछ हाथ लग गया जिसकी तालाश थी।
पुलिस सूत्रों की मानें तो अजय की हत्या बदले की भावना और धन की लालच में उसके बहनोई चंदन यादव ने करवायी। अजय की हत्या के लिए चंदन अपने फुफेरे बहनोई बुच्चा का सहयोग लिया।
बुधवार की शाम चंदन बाढ़ से अजय को नर्सिंग होम से साथ लिया और बाईक से फुफेरे बहनोई बुच्चा के साथ हिलसा पहुंचा। हिलसा आने के क्रम में चंदन के फुफेरा बहनोई बुच्चा हिलसा में रहकर ट्रैक्टर चलाने वाले भतीजा अखिलेश से सम्पर्क किया।
हिलसा पहुंचकर तीनों पेट्रोल पम्प पर रुका, जहां थोड़ी देर बाद अखिलेश पहुंचा। उसके बाद चारों एक ही बाईक पर सवार होकर लोहंडा गया। वहां शराब एवं चखना लेने के बाद बड़ी घोसी वाले रोड में गया।
गांव से बाहर सूनसान इलाके में पहुंचने के बाद चारों साथ बैठकर शराब का सेवन किया। जब कम्पाउंडर अजय पूरी तरह से नशा में हुआ तो उसकी गोली मारकर हत्या के बाद तीनों अपने-अपने घर चला गया।
घटना में प्रयुक्त बाईक भी बरामद कर लिया गया। पिस्तौल की बरामदगी तथा कांड में संलिप्त अखिलेश को दबोचने के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है।
मालूम हो कि गत 27 दिसम्बर की सुबह बड़ीघोसी के खंदा में सड़क के किनारे अज्ञात शव फेंका मिला था। मृतक के पास रहे कागजातों के आधार पर उसकी पहचान बाढ़ के कम्पाउंडर अजय यादव के रुप हुई।
शव की पहचान के बाद हत्या का शक कई लोगों पर हुआ। इस संबंध में रिश्तेदार द्वारा थाना में दिए गए आवेदन में उस नर्सिंग होम के संलाचक व अन्य को नामित किया गया जहां मृतक बतौर कम्पाउंडर काम करता था। पुलिसिया जांच में नर्सिंग होम वालों के व्यवहार से कुछ शक जरुर हुआ, लेकिन यकीन नहीं हो रहा था।
जबरिया शादी और तिरस्कार से खिन्न था चंदन
बाढ़ के कम्पाउंडर अजय यादव की हत्या में मुख्य भूमिका निभाने वाला बहनोई चंदन कुमार मूलत: पटना जिले मदौर थानान्तर्गत खजुरार गांव निवासी अर्जुन प्रसाद का पुत्र है।
चंदन बाढ़ में रहकर पढाई करता था। तभी करीब एक-डेढ साल पहले अजय के पिता राजेश प्रसाद जबरन अपनी बेटी गुड़िया से शादी करवा दी।
शादी करने के बाद घर वालों से अलग-थलग हुए चंदन ससुराल में ही रहकर पढाई करना चाहता था, लेकिन ससुर और सास न केवल विरोध किया बल्कि चंदन पर गुड़िया की विदाई के लिए दबाब बनाने लगा।
सास और ससुर के इस व्यवहार से खिन्न चंदन ससुराल छोड़कर बाढ़ में ही किराए के मकान में रहने लगा। इसी दौरान उसके मन में बदले की भावना और धन का लालच घुस गया।
अपने इस मंसूबो को सफलीभूत करने के लिए चंदन अपने फुफेरे बहनोई बुच्चा से सम्पर्क किया और इकलौते साला अजय की हत्या की साजिश रच दी।
ऐसा करके अजय अपने बाढ़ के गुलाबचक स्थित ससुराली जमीन के अलावा ससुर के पटना में रहे कीमती जमीन पर कब्जा जमाना चाहता था।