जानकारी के मुताबिक आरोपियों में निखिल का भाई मनीष प्रियदर्शी भी शामिल था, जिसे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
निखिल के तीन दोस्त भी इस मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। लेकिन निखिल लगातार पुलिस और जांच टीम को चकमा दे रहा था। पुलिस को कामयाबी तब मिली जब निखिल के दोस्तों से सख्ती से पूछताछ की गयी।
दोस्तों से मिली जानकारी के आधार पर पटना की विशेष जांच टीम ने निखिल की गतिविधियों को ट्रैप करना शुरू किया। उसके बाद पुलिस को निखिल का लोकेशन उतराखंड में दिखा। उसके बाद पुलिस ने एक विशेष दल का गठन किया और पूछताछ से मिले इनपुट्स के आधार पर निखिल को उत्तराखंड से गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि पटना पुलिस को निखिल को ढूढ़ने में सबसे ज्यादा मदद सोशल साइट्स और गूगल से मिली। पुलिस इस पूरे मामले का खुलासा नहीं कर रही है, लेकिन निखिल के गिरफ्तार दोस्तों की ओर से मुहैया करायी गयी जानकारी और सोशल मीडिया साइट्स की ट्रैपिंग से निखिल को गिरफ्तार किया जा सकता है।
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