“पंचायत समिति सदस्य व मुखिया की मौजूदगी में जब बैठक की कार्यवाही शुरू हुई तो गत बैठक की समीक्षा की बात सामने आने पर जनप्रतिनिधि व अधिकारी के बीच नोक-झोंक होने लगी और यह बैठक भी एक बार फिर महज औपचारिकता बनकर रह गई।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (पवन कुमार)। नालंदा जिले के करायपरसुराय प्रखंड मुख्यालय में प्रखंड प्रमुख मीना देवी की अध्यक्षता एवं बीडीओ प्रेम राज के संचालन में आहुत पंचायत समिति की बैठक निर्धारित समय से तीन घंटे बिलंब शुरू होने से जनप्रतिनिधि भड़क गये।
बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रेम राज, पशुपालन चिकित्सक, कृषि पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, आपूर्ति पदाधिकारी के अलावा किसी विभाग के कोई पदाधिकारी व प्रतिनिधि इस बार भी नहीं आए।
पीएचडी, मनरेगा, शिक्षा, बालविकास के अलावे अन्य विभाग के पदाधिकारी नहीं आए। ऐसी स्थिति में कई विभागों की न तो समीक्षा हो सकी और न ही उन विभागों से जुड़ी समस्याओं का समाधान ही हो सका।
बैठक के बाद प्रमुख मीना देवी ने जिलाधिकारी को अपने लेटर पैड पर आए दिन बैठक के नाम पर हो रही अनियमितताओं पर कार्रवाई करने की मांग की है।
सदन की कार्यवाही की शुरुआत होते ही कृषि पदाधिकारी से डीजल अनुदान व बीज वितरण का मुद्दा खड़ा हुआ। सदस्यों का कहना है कि कृषि विभाग से किसानों को दी गई सब्जी की खेती के जैविक अनुदान में काफी लूट हुई है।
इसकी शीघ्र जांच-कार्रवाई किये जाने का सवाल उठाया। मनरेगा में समय से मजदूरों को मजदूरी भुगतान नही होने का मामला भी सामने आया।
प्रखंड प्रमुख ने कहा कि समिति की बैठक में डियावा पंचायत के उत्तरी पंचायत समिति आनंद सहाय, करायपरसुराय के दक्षिणी पंचायत समिति बबिता कुमारी समेत कई विभाग के अधिकारी भी हर मासिक पंचायत समिति की बैठक में अनुपस्थित रहते हैं। इन लोगों पर कर्रवाई करने का आदेश बीडीओ को दिया।
बैठक में उपस्थित जिला परिषद सदस्य पुरुषोत्तम जैन, उपप्रमुख संगीत कुमारी, समिति सोनी कुमारी, चन्द्रमौलि पासवान, मुखिया उमेश जमादार, भूषण पंडित, संगीत कुमारी, विधायक प्रतिनिधि विजय यादव, संसद प्रतिनिधि विनोद सिंह सहित कई पंचायत प्रतिनिधिगण मौजूद थे।