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नालोशिप्रा का अंतिम आदेश- राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि को 3 सप्ताह के भीतर कराएं अतिक्रमण मुक्त

sanjeev
नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा (फाईल फोटो)

राजगीर (न्यूज डेस्क)। नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा की प्राधिकार में राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा किये गये अतिक्रमण से जुड़े चर्चित मामले की आज अंतिम सुनवाई पुरी हो गई।

श्री सिन्हा ने अपने आदेश में राजगीर अंचलाधिकारी को आदेश दिया है कि राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि की को तीन सप्ताह के भीतर हर हाल में अतिक्रमण मुक्त कर वस्तुस्थिति से अवगत करायें। इस फैसले के साथ वाद को समाप्त कर दिया गया।

हालांकि आदेश के अनुसार तीन सप्ताह 6 जुलाई के बाद निर्धारित है क्योंकि राजगीर अंचलाधिकारी ने आज प्राधिकार को बताया कि उन्होनें मलमास मेला की सैरात भूमि के चिन्हित सभी अतिक्रमणकारियों को 6 जुलाई तक अतिक्रमण हटाने का अंतिम सूचना भे दी है।

इस पर वादी की सहमति से प्राधिकार पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा ने यह आदेश पारित किया कि 3 सप्ताह की समया सीमा 6 जुलाई के बाद की कार्य दिवस मानी जाये।

नालंदा लोक शिकायत निवारण प्राधिकार कार्यालय से प्रसन्नचित बाहर निकलते वादी एवं आरटीआई एक्टीविस्ट पुरुषोतम प्रसाद

बता दें कि राजगीर के आरटीआई कार्यकर्ता समाजसेवी पुरुषोतम प्रसाद ने राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा किये गये अतिक्रमण को लेकर जिला अपीलीय प्राधिकारी में यह अनन्य वाद संख्या-999990124121637691/1A दर्ज कर रखा है।  इसकी अंतिम सुनवाई 17 जून,2017 को होनी तय थी लेकिन, किसी कारणवश सुनवाई नहीं हो पाई थी।

वादी की शिकायत थी कि जिला लोक शिकायत निवारण सह प्रथम अपीलीय प्राधिकारी द्वारा अपने अंतरिम आदेश में राजगीर अंचलाधिकारी के विरुद्ध शास्ति अधिरोपित तक का आदेश दे चुकी है। फिर भी अंचलाधिकारी मामले को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं।

नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण प्राधिकार के अंतिम फैसले को लेकर काफी संतुष्ट नजर आ रहे वादी पुरुषोतम प्रसाद ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है और न्याय की जीत है। जैसा कि उन्हें प्राधिकार पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा सरीखे से उम्मीद थी।

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