बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। खनन माफियाओं पर लगाम लगाने को लेकर बिहार सरकार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं, मगर उस हथकंडे को ठेंगा सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले के खनन माफिया ही दिखाते नजर आ रहे हैं और पुलिस खर्राटे की नींद में रात भर सोती दिखती है।
सबसे बड़ी बात कि नालंदा पुलिस प्रशासन खनन माफियाओं पर लगाम लगाने को लेकर लाख दावे कर दें मगर इस दावे में कुछ राज नजर आता है? क्योंकि बेखौफ होकर खनन माफिया रात भर बालू का खनन करते हैं।
वहीं नालंदा पुलिस के आला अफसर को जब अमुक थाना क्षेत्र में अवैध खनन करने की सूचना मिलती है तो सूचना के कुछ ही समय बाद सारे के सारे खनन माफिया अपने बोरिया बांध समेट कर अवैध खनन स्थल से कुछ दूर चले जाते हैं।
जब थाने की पुलिस जाती है तो वह बैरंग हाथ लौटती है और वरीय अफसर को थाना के द्वारा अपनी भाषा में समझा दिया जाता है।
आखिर सवाल उठता है कि जब पुलिस के वरीय पदाधिकारी को सूचना मिलती है और उस सूचना के आलोक में थाना के थानाध्यक्ष को सूचना दी जाती है तो सभी खनन माफियाओं तक पुलिस आने की सूचना कैसे पहुंचती है।
तब तो सारे के खनन माफियाओं के द्वारा JCB और ट्रक सारे अपने बोरिया बधना समेट कर खनन स्थल से साइड हट जाते हैं?
एक ताजा मामला में ऐसे ही कुछ चांदी काट रहे हैं सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के गिरियक थाना अंतर्गत घोड़ा कटोरा क्षेत्र में खनन माफिया रात भर अवैध खनन का कार्य करते हैं और पुलिसिया कार्यशैली को ठेंगा दिखाते हैं।
आखिर इन खनन माफियाओं का पुलिस का भय नहीं या गिरियक पुलिस की मिलीभगत? खनन माफिया जिस क्षेत्र से बेखौफ होकर खनन का कार्य कर रहे हैं।
वह भी सीएम के गृह जिला नालंदा के पर्यटन नगरी राजगीर अनुमंडल क्षेत्र में पड़ता है। फिर भी जागते रहते हैं खनन माफिया खर्राटे की नींद लेती रहती है पुलिस।