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    Monday, November 25, 2024
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      नालंदा पुलिस-वकील की जंग के पिछे ‘भू-माफिया’ वार्ड पार्षद का भी है खेल

      “ एक कुख्यात पूर्व विधान पार्षद का भतीजा वार्ड पार्षद है एक जमीन माफिया, पर्दे के पीछे से प्लान बना कर खेल रहा वही खेल, उसी के कुचक्र के फंस गये वकील-पुलिस

      बिहारशरीफ। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में बीते 10 जुलाई से अधिवक्ताओं एवं पुलिस प्रशासन के बीच जो जंग छिड़ी है, उसमें 13 जुलाई को नगर निगम में वार्ड पार्षदों की बैठक के बाद से एक नई बात भी जुड़ी है।

      दरअसल, निगम की बोर्ड बैठक के बाद पार्षदों ने पुलिस प्रसाशन के पक्ष में अपनी सुर ताल मिलाते हुए कथित भू-माफियाओं के खिलाफ समर्थन देने का निर्णय लिया है।

      हालांकि, स्मार्ट शहर की सूरत एवं सेहत बनाने के लिए वार्ड पार्षदों का यह कदम काबिले तारीफ है। लेकिन अगर सब कुछ शालीनता एवं कायदे से हो तो अच्छी बात होगी। फिर, लोग इसकी तारीफ भी करेगे।

      दरअसल, इस पूरे फसाद की जड़ एक विवादित जमीन है……

      nalanda cout stike angest police sp dsp crime 1अधिवक्ता पवन कुमार सिन्हा का कहना है कि जिस जमीन पर मिटी की भराई की जा रही है, वह जमीन उनकी है। 

      अधिवक्ता अपने बात को जायज साबित करने के लिए इसके कागजात एवं इस मामले में पटना हाइकोर्ट के ऑर्डर को भी दिखा रहे हैं।

      दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारी का कहना है कि यह जमीन गैरमजरूआ है, जिस पर पानी टंकी निर्माण कराया जाना है।

      ऐसे में कोई एक पक्ष यानी निगम के जिम्मेवार अधिकारी और अधिवक्ता पवन में से किसी की बात जरूर सही होगी।

      इसके बाबजूद भी इस मामले की पूरी निष्पक्षता से जांच की बजाय वेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है।

      लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि इस पूरे खेल के पीछे शहर के डॉन बनने का सपना देख रहे एक वार्ड पार्षद हाथ  है।

       इस बात की चर्चा नगर निगम के गलियारों एवं दबी जुबान में लोग अब इस बात की चर्चा करने लगे है।

      ऐसे में अब यह सब बुद्धिजीवियों और अमन पसंद जनता को यह तय करना होगा कि वह एक दबंग व चालबाज वार्ड पार्षद के साथ खड़ा हो या फिर कानून के रक्षक अधिवक्ताओं के साथ।

      एक वार्ड पार्षद का सामने आया दोहरा चेहरा….

      विवादित जमीन जिस वार्ड  के अंतर्गत आता है। और वहां के वार्ड पार्षद की बोली जितनी मीठी है, अंदर से वह उतने ही दबंग प्रवृति के माना जाता है।

      nalanda police advocate matter 1

      कहा जाता है कि बगैर उसके मर्जी से शहर के बड़े हिस्से में जमीन की खरीद बिक्री नहीं होती है।

      आम आरोप है कि अगर किसी ने जमीन खरीद ली तो यह वार्ड पार्षद रंगदारी वसूलता हैं। अगर रंगदारी इसके यहां नही पहुँची तो अपने पाले हुए गुंडों से जमकर पिटवाता है। यानी यह वार्ड पार्षद जिले के कुख्यात जमीन माफिया के रुप में उभर रहा है।

      जमीन माफिया के रुप में तेजी से उभर रहे  और नालंदा का डॉन बनने  का सपने बुन रहे इस वार्ड पार्षद के  कुखयात चाचा  पूर्व विधान पार्षद  हैं और  अपराध की दुनिया से  उनका चोली दामन का रिश्ता रहा है। वर्तमान में उनकी पत्नी सत्ताधारी दल से निर्वाचित  विधान पार्षद है। 

      (विश्वस्त सूत्रों-स्रोतों पर आधारित रिपोर्ट)

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