Home देश नालंदाः एसपी कार्यालय के लेखा विभाग में सिपाही-हवलदार-अफसरों से यूं हो रही...

नालंदाः एसपी कार्यालय के लेखा विभाग में सिपाही-हवलदार-अफसरों से यूं हो रही वसूली

0

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालन्दा जिला पुलिस अधीक्षक नीलेश कुमार के कार्यालय के लेखा विभाग में खुलेआम रिश्वत की वसूली हो रही है।

इस बाबत मामले की जानकारी देने पर पटना आईजी संजय कुमार ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क से इतना ही कहा कि वे नालंदा एसपी से जानकारी लेते हैं, देखने बोलते हैं।

इसके करीब 10 मिनट बाद नालंदा एसपी नीलेश कुमार का फोन आया और उन्होंने वीडियो की मांग की। प्राप्त वीडियो को उनके सरकारी व्हाटस्एप्प नबंर पर प्रेषित कर दी गई है। अब देखना है कि वे अपने स्तर से क्या जांच-कार्रवाई करते हैं। nalanda sp office cruption1    

दरअसल सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में रिश्वतखोरी चरम पर है। इस मामले में पुलिस महकमा अधिक बदनाम है। यहां सिर्फ रुपया से खेल होता है। पैसे दिए तो सब काम असान है। अगर नहीं चढ़ाए तो तो फिर अफसर तो दूर, अदद सिपाही भी अपना मुंह टेढ़ा कर लेगा।

बहरहाल, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क टीम के पास नालंदा एसपी कार्यालय के लेखा विभाग की एक  वीडियो प्रेषित की गई है।

कहा जा रहा है कि इस वीडियो में लेखापाल पियुष कुमार, प्रधान लेखापाल पंकज कुमार, सिपाही पप्पु कुमार आदि के द्वारा  अपने ही विभाग के कर्मियों से अवैध रुपये की वसूली इनकम टैक्स के फार्म जमा लेने नाम पर करते दिख रहे हैं।

वीडियो एवं विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पुलिस कांस्टेबल से 200 रुपए, हवालदार से 300 300 रुपए और पदाधिकारी से 500 रुपए खुलेआम वसूली की जा रही है। इस जिले में कुल सिपाही-हवलदारों की संख्या करीव 1800 है।

मात्र इसी वसूली के गोरखधंधा को आंका जाय तो लेखा विभाग के बाबूओं की यह ‘ब्लैक इनकम’ 12 लाख रुपए से उपर होती है। आला अफसरों को इस वसूली की जानकारी नहीं होगी, यह संदेह से परे नहीं कहा जा सकता।

बता दें कि इससे पहले वर्ष 2017 में पुअनि अतिनन्द सिंह का लेखपाल और प्रधान लेखापाल द्वारा जाली हस्ताक्षर करके रुपया गवन का आरोप विभागीय जाँच में सही पाया गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इधऱ लेखपाल और प्रधान लेखापाल द्वारा खुलेआम सिपाही, हवलदार एवं पदाधिकारियों से नजायज रुपये वसूली जारी है।

[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=Sp4D4c1WoJI[/embedyt]

error: Content is protected !!
Exit mobile version