ये तस्वीरें विचलित करती है, रुलाती है, शर्मसार करती है, बीच सड़क पर किसी ने युवक को ज़िंदा जला दिया था, जली हुई अवस्था मे तड़पता एक युवक पड़ा है।
ये तस्वीर गढ़वा की है, कैसे लोगों की संवेदना मर गयी है, ये तस्वीर उसकी तस्दीक करती है,सामने पुलिस के जवान खड़े रहे, फ़िल्म बनाते रहे, युवक तड़पता रहा, कराहता रहा, वह जान बचाने की भीख मांगता रहा।
मौके पर मौजूद पत्रकार एड़ियां रगड़ के मर रहे शख्स की वीडियो बनाते रहे, उसकी बाइट लेते रहे, लेकिन न तो खाकी ने, ना ही कलमकारों ने उसे अस्पताल पंहुचाया।
नतीजतन बुरी तरह से जला शख्स, पानी मांगता बीच सड़क पर ही चल बसा। इन अविवेकी, नौसिखुए पत्रकारों ने तो पत्रकारिता का बेड़ा गर्क कर के रख दिया है।
रही बात ख़ाकी की तो उसपर सवाल खड़े होते ही रहे हैं।