“पटना के विशेष टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की सूचना तथा एसपी सुधीर कुमार पोरिका के निर्देश पर अपराधी द्वय की गिरफ्तारी मंगलवार की देर संध्या हिलसा शहर के पटेल नगर बस स्टैंड से हुई।”
हिलसा (चन्द्रकांत)। नालंदा जिले के हिलसा शहर में दशहत फैला कर लेवी वसूली का धंधा चालू करने की मकसद से पहुंचा उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) सदस्य सोनू कुमार एक सहयोगी के साथ पकड़ा गया।
डीएसपी प्रवेन्द्र भारती ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आया सोनू कुमार और गोलू कुमार थरथरी थाना के अमेरा गांव का मूल निवासी है। सोनू उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का मुख्य सदस्य है और पीएलएफआई बिहार हेड गणेश शंकर के ईशारे पर काम करता है।
उन्होंने बताया कि झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद पीएलएफआई हेड गणेश शंकर से मिले निर्देश पर सोनू अपने सहयोगी गोलू के साथ हिलसा पहुंचा था। इन दोंनो का मकसद हिलसा शहर स्थित परिवार वस्त्रालय तथा शिवम मेडिकल के पास बमबारी और गोलीबारी करना था। घटना को अंजाम देकर व्यवसाईयों के बीच दहशत फैलाकर लेवी मुख्य मकसद था।
डीएसपी ने बताया कि पीएलएफआई स्टेट हेड तकरीबन तीन वर्ष पहले हिलसा में दस्तक देकर लेवी वसूलने की मंशा से कई व्यवसाईयों को न केवल धमकी दिया बल्कि गोलीबारी भी की। पुलिस की सतर्कता से पीएलएफआई हेड अपने मंसूबे में पूर्णत: कामयाब नहीं हो पाया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के वक्त सोनू और गोलू के पास से एक देशी कट्टा दो जिंदा कारतूस तथा तीन किलो सात ग्राम गांजा बरामद हुआ। अपने स्वीकारोक्ति ब्यान में सोनू ने पटना बम ब्लॉस्ट के अलावा हिलसा में पीएलएफआई का पर्चा चिपकाने से लेकर हुए कई गतिविधियों में अपनी संलिप्ता बताई।
उन्होंने बताया कि हाल में गांव के गोलू को अपने गिरोह में शामिल कर गांजा बेचकर अवैध कमाई के धंधे की शुरुआत किया था। डीएसपी श्री भारती ने बताया कि सोनू ब्यान में आए तथ्यों पर बारकी से छानबीन कर अग्रेतर कार्रवाई शुरु कर दी गई।
पुलिस के हत्थे उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के दो सदस्यों के खुलासे से स्पष्ट हुआ कि हिलसा शहर एकबार फिर दहलते-दहलते बच गया।
एक बार फिर दहलते-दहलते बचा हिलसा शहर, पर्चा चस्पाकर पीएलएफआई ने दिया था दस्तक। गोलीबारी कर दहशत फैलाने की हुई थी कोशिश। बड़ी मुश्किल से दहशत से ऊबरे थे व्यवसायी।
तीन साल पहले पर्चा चस्पाकर शहर में दस्तक देने वाला उग्रवादी संगठन पीएलएफआई के सदस्य गोलीबारी कर दहशत से बड़ी मुश्किल से हिलसा के व्यवसाई ऊबरे थे। उस समय भी नबम्बर माह में पीएलएफआई द्वारा हिलसा शहर के सूर्य मंदिर परिसर में कुछ पर्चा फेंका गया तथा कुछ पर्चा पास के एसयू कॉलेज की दीवाल पर चस्पाया गया था।
पर्चा के जरिए बिहार राज्य के नेताओं की कार्यशैली पर चिंता जाहिर की गयी। पर्चा में अफसरशाही, तानाशाह और पूंजीवादी लोगों पर बिहार की जनता को बेबकूफ बनाकर तंग और तबाह करने का आरोप लगाते हुए इससे निजात के लिए आहूत बंद में सहयोग की मांग की गई थी।
पीएलएफआई के इस पर्चा का असर उतना नहीं रहा जितना उसके संगठन हेड को उम्मीद थी। लेकिन उसके बाद पीएलएफआई द्वारा शहर में किए गए कृत्य का असर आमलोगों पर दिखा। एक-एक कर शहर के कई नामचीन व्यवसाईयों से फोन कर रंगदारी की मांग की गई।
कई लोग मुखर होकर थाने में एफआईआर कराए तो कई चुपचाप रह गए। रंगदारी किसने दी और किसने नहीं, इसका खुलासा तो नहीं हो पाया लेकिन रंगदारी नहीं देने से नाराज पीएलएफआई द्वारा शहर के एक व्यवसाई की दुकान पर गोलीबारी कर दी गई। हालांकि इस गोलीबारी में व्यवसाई तो बच गया लेकिन एक व्यक्ति की मौत हो गई।
इसके बाद शहर के व्यवसाईयों में जबरदस्त दहशत व्याप्त हो गया। शाम ढलते ही व्यवसाई अपनी दुकाने बंद करने लगे। इस विपरीत स्थिति को पुलिस चुनौती के रुप में स्वीकार किया और अपनी ताकत और क्षमता के अनुसार कार्रवाई की।
इस दौरान पीएलएफआई के कई सदस्य जेल गए। कई हथियार भी पकड़ाया। झारखंड में बिहार हेड गणेश शंकर भी गिरफ्तार हो गया। इसके बाद पुलिस के साथ-साथ शहर के व्यवसाईयों ने राहत की सांस ली।
लेकिन तकरीबन एक साल बाद फिर से पीएलएफआई का हिलसा में बुरी मंशा से चहलकदमी करना व्यवसाईयों की चिंता बढ़ा दी। हालांकि समय रहते पुलिसया कार्रवाई में पीएलएफआई के दोंनो सदस्य की गिरफ्तारी से शहर में संभावित एक बड़ी घटना टल गई।
अगर पीएलएफआई के सदस्य अपनी कार्रवाई कर देते तो शांत पड़ा हिलसा न केवल एकबार फिर अशांत हो जाता बल्कि शहर का रौनक भी खत्म हो जाता है। हिलसा फिर उसी हाल में पहुंच जाता जिस हाल में अस्सी के दशक में था।
पटना के बम ब्लॉस्ट कांड में सोनू जा चुका है जेल
हिलसा शहर में बमबारी और गोलीबारी कर दहशत फैलाने के सहयोगी के साथ पुलिस गिरफ्त में आया सोनू करीब तीन साल पहले पटना के बम ब्लॉस्ट मामले में जेल जा चुका है।
डीएसपी प्रवेन्द्र भारती ने बताया कि गिरफ्तार पटना शहर के कदमकुआं थाना क्षेत्र में हुए बम ब्लॉस्ट के मामले में सोनू कुमार जेल जा चुका है। बम ब्लॉस्ट की प्लानिंग भी पीएलएफआई द्वारा ही की गई थी।
पीएलएफआई के महत्वपूर्ण सदस्यों में सोनू एक सदस्य है। हिलसा तथा आसपास के इलाके में सोनू ही संगठन के लिए नवयुवकों की खोज कर भर्ती कराता है।