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    Thursday, December 26, 2024
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      ‘तेजस्वी तो बहाना था, नीतिश को भाजपा की गोद में जाना था’

      “नीतीश कुमार पटना के पंडारक थाने में वर्ष 1991 में एक हत्या के मामले में आरोपी हैं। ऐसे में उनका मुख्यमंत्री बने रहना कहां का जीरो टॉलरेंस था। इस मामले में अदालत ने संज्ञान भी लिया है, परंतु नीतीश अपने पद का इस्तेमाल कर उस मामले को दबाए हुए हैं।”

      पटना (संवाददाता)। बिहार में पिछले 12 घंटे से चल रहे सियासी घमासान और नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बीच राजद ने कहा है कि उन्हें (नीतीश कुमार को) भाजपा के साथ जाना था और तेजस्वी यादव सिर्फ एक माध्यम थे। राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने एएनआई से कहा, ‘तेजस्वी एक बहाना था, नीतीश को भाजपा की गोद में जाना था।’

      इसके साथ ही मनोज झा ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने ‘संघ मुक्त भारत’ का सपना देखा था, लेकिन अब वह ‘संघ संयुक्त बिहार’ बनाने के उद्देश्य की ओर बढ़ रहे हैं।  उन्होंने कहा, ‘नीतीश ने घर वापसी की है। उन्हें संघ से बाहर आना था, लेकिन वह फिर से संघ की ओर लौट गए हैं।

      उन्होंने  ‘संघ मुक्त भारत’ को सिर्फ अपनी बातों के लिए इस्तेमाल किया। लेकिन अब वह ‘संघ संयुक्त बिहार’ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।’ तेजस्वी यादव के दावे पर झा ने कहा, जनता दल यूनाइटेड के आधे विधायक नीतीश से असंतुष्ट हैं और राजद को अपना सहयोग देते रहना चाहते हैं।

      मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नीतीश के सुशासन व पारदर्शिता के दावे पर सवाल खड़ा किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि महागठबंधन में शामिल सभी दल नए नेता का चुनाव करें और फिर से सरकार का गठन करें।

      नीतीश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए लालू ने कहा, “नीतीश कुमार पटना के पंडारक थाने में वर्ष 1991 में एक हत्या के मामले में आरोपी हैं। ऐसे में उनका मुख्यमंत्री बने रहना कहां का जीरो टॉलरेंस था। इस मामले में अदालत ने संज्ञान भी लिया है, परंतु नीतीश अपने पद का इस्तेमाल कर उस मामले को दबाए हुए हैं।”

      लालू ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि नीतीश कुमार ने कभी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ मुक्त भारत का नारा दिया था। अब पता नहीं क्या हो गया है? उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से बड़ा अत्याचार होता है। राजद नेता ने नीतीश कुमार पर परोक्ष रूप से यह भी आरोप लगाया कि वह भाजपा से मिले हुए हैं।

      बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार (26 जुलाई) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बीते कई महीनों से महागठबंधन में चल रहे विवाद के बीच नीतीश ने राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके साथ ही बिहार की 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार गिर गई। महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल थीं।

      बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा कि जितना संभव हो सका, उन्होंने गठबंधन धर्म का पालन करने की कोशिश की, लेकिन बीते घटनाक्रम में जो चीजें सामने आईं उसमें काम करना मुश्किल हो गया था।

      नीतीश ने कहा, “जब मुझे ऐसा लग गया कि वे कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति में मैं तो जवाब नहीं दे सकता। मैं सरकार का नेतृत्व कर रहा हूं। लेकिन सरकार के अंदर के व्यक्ति के बारे में कुछ बातें कही जाती हैं और मैं उस पर कहने की स्थिति में नहीं हूं तो ऐसी स्थिति में इस सरकार को चलाने का, मेरे हिसाब से कोई आधार नहीं है।”

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