“नालंदा में बाड़ ही खेत खा रहा है। यहां के डीएम के निर्मल नालंदा मुहिम को उन्हीं के प्रशासनिक नुमाइंदे अपने भ्रष्ट आचरण से तार-तार कर दिया है। आश्यर्य कि जन शिकायत पर भी कहीं से कोई कार्रवाई नहीं होती।”
नगरनौसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। यह हाल है नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंडान्तर्गत ओडीएफ यानि खुले में शौच से मुक्त कैला पंचायत के गांवों का। इसकी तस्वीरें देख कर सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि इस मुहिम में किस कदर लूट खसोट मचा है यहां शौचालयों के निर्माण कार्य में।
इस खुले भ्रष्टाचार में प्रखंड मुख्यालय में बैठे हुए बाबुओं की साफ मिलीभगत, जो आंख मूंद कर शौचालय निर्माण का राशि धड़ल्ले से भुगतान किये जा रहे हैं और सरकारी खजाने को चुना लगा रहे हैं।
सीएम नीतिश कुमार की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजनाओं में से एक योजना निर्मल नालन्दा के तहत जिले के हर गांव कस्बे शौचालय निर्माण कर कर, खुले में शौच से मुक्त करना है। जिसकी बागडोर खुद नालन्दा डीएम ने संभाल रखा है। लेकिन नगरनौसा प्रखंड के ओडीएफ घोषित कैला पंचायत के गांवों में इन शौचालय के निर्माताओं में अधिकतर लोग किन्ही न किन्ही के चहेते हैं।
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वद से वदतर हालात तो प्रखंड मुख्यालय नगरनौसा का है ही, जिसे सार्थक बनाने में पंचायती राज के गांव भी पीछे नहीं है।
प्रखंड क्षेत्र के गांवों में जैसे तैसे शौचालय निर्माण करा कर केवल सरकारी राशि को हड़पने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसकी शिकायत पर न तो प्रखंड विकास पदाधिकारी के कानों पर जूं रेंगता है और न ही ऊपर के अधिकारियों के।