“इस गांव को डिजीटल बनाने के लिए हर लोगों का एसबीआई में खाता खुलेगा। ग्रामीणों को बैंक की ओर से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर ग्रामीण को डिजीटल का महत्व बताते हुए हर तरह के लेन-देन डिजीटल सिस्टम से करने के लिए जागरुक किया जाएगा।”
हिलसा (चन्द्रकांत)। नालंदा जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में शुमार रेड़ी-रसलपुर गांव अब डिजीटल होगा। इस गांव के सभी लोगों का बैंक में खाता खुलेगा। ग्रामीण हर तरह का लेन-देन डिजीटल तरीके से करेंगे। इसके लिए ग्रामीणों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहारशरीफ रिजनल शाखा में आने वाले तीन जिले यथा नालंदा, शेखपुरा एवं नवादा के किसी गांव को डिजीटल गांव के चयनित किया जाना था। इसके लिए रेड़ी-रसलपुर गांव का चयन एसबीआई द्वारा किया गया।
मालूम हो कि रेड़ी-रसलपुर गांव जिले के सुदूरवर्ती गांवों में शुमार है। डिजीटल गांव बनाए जाने की खबर से गांव के लोगों में विकास की एक नई आस जगी है।
भूमिहीन किसानों को भी मिलेगा केसीसी ऋण
रिजनल मैनेजर चन्द्र भूषण कुमार सिंह ने किसानों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ होने के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से जुड़ने का आवाह्न किया।
उन्होंने कहा कि केसीसी किसानों के लिए बेहतर योजनाओं में से एक योजना है। इसमें सूद काफी कम लगता है। पहले की तरह रुपये निकालने में किसानों को अब परेशानी नहीं होती है। ऋण स्वीकृत होते ही किसानों का रुपये कार्ड मिल जाता है, जिसके सहारे जब मन हो किसान कहीं से भी रुपये की निकासी कर सकते हैं।
रिजनल मैनेजर ने कहा कि केसीसी का लाभ वैसे किसान तो ले ही सकते हैं जिनके पास अपनी खेती है। इसके अलावा वैसे किसान भी केसीसी से जुड़ सकते जो भूमिहीन हैं लेकिन खेती जमकर करते हैं। ऐसे भूमिहीन किसानों को किसी तरह की एलपीसी या फिर जमीन की रसीद की जरुरत नहीं है।
लेकिन इसके लिए पंचायत के मुखिया या फिर जमीन वालों को यह संपुष्ट करना होगा कि केसीसी से जुड़ने वाले भूमिहीन किसान खेती करते हैं। भूमिहीन किसानों के आवेदन की गहराई से छानबीन के बाद केसीसी का लाभ दिया जाएगा।
31 जनवरी तक बकाया ऋण चुकाने पर बड़ी राहत
एसबीआई के रिजनल मैनेजर चन्द्र भूषण कुमार सिंह ने कहा कि वैसे लोगों के लिए 31 जनवरी तक बेहतर मौका है जिनके पास बैंक ऋण का पहले से बकाया है।
उन्होंने कहा कि बकाया के कारण लोगों का क्रेडिट खराब हो जाता है और ऐसे लोगों को बैंक डिफॉल्टर की श्रेणी में ले आता है। लेकिन ऐसे लोगों के लिए बैंक द्वारा बड़ी राहत दी गई है जिसका फायदा ऋणी उठा सकते हैं।
इसके लिए ऋणी अपने बकाए की जानकारी बैंक जाकर ले लें और बकाए राशि की आधी राशि जमा कर ऋण से मुक्ति पा लें। ऐसा करने वाले ऋणधारकों को बैंक डिफॉल्टर की श्रेणी में नहीं रखेगा। ऋण की राशि चुकता होने के बाद फिर से ऋण भी देगा।
बैंक सिर्फ कारोबार ही नहीं कल्याणकारी कार्य भी करता
उन्होंने कहा कि रसलपुर गांव में गरीबों के बीच कम्बल का वितरण बैंक कल्याणकारी योजना का ही एक रुप है। इस मौके पर करीब साठ गरीब एवं असहाय महिला-पुरुष को कंबल दिया गया।
इस मौके पर एसबीआई के मैनेजर मृत्युंजय कुमार सिंह, अरुण सिंह एवं अजीत कुमार के अलावा कई सामाजिक लोग मौजूद थे।