“आइएएस पति की चौखट पर रिश्ता बचाने की उम्मीद लिए पहुंची वात्सला को जिला बदर कर दिया गया। वात्सला मायूसी के साथ वापस पटना आ गई हैं, लेकिन वह अब भी यही कह रहीं है कि धर्मेंद्र कुमार से सात जन्मों का रिश्ता है और इस जन्म में वह ज़िंदा रहते उसे नहीं तोड़ सकती…..”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जमुई के डीएम धर्मेंद्र कुमार ने अपनी ही पत्नी और ससुराल वालों को जिला बदर दिया। पत्नी वत्सला सिंह वैवाहिक रिश्ते में आई खटास के बाद बुधवार की सुबह जमुई पहुंची थी, लेकिन देर रात उनके साथ डीएम ने अपनी पत्नी के साथ ही साजिश कर दी।
जमुई के डीएम धर्मेंद्र कुमार की शादी वात्सला सिंह के साथ 2015 में हुई थी, लेकिन शादी के बाद से ही पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आ गई।
बाद में धर्मेंद्र कुमार ने वत्सला से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दे दी। वत्सला अपनी शादी बचाने के लिए तलाक पर राजी नहीं हुई और उसने अपने आइएएस पति के बर्ताव की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग तक में कर दी।
वत्सला सिंह इस उम्मीद में बुधवार की सुबह जमुई पहुंची थी कि वह अपने पति धर्मेंद्र कुमार से मिलकर सब कुछ ठीक कर लेंगी। लेकिन वत्सला को डीएम पति ने अपने घर में इंट्री नहीं दी।
वत्सला भी ज़िद पर आईं और वह तकरीबन 15 घंटो तक डीएम धर्मेंद्र कुमार के सरकारी आवास के आगे सड़क पर बैठी रहीं। इस दौरान वत्सला के परिवार के पुरूष सदस्यों को उससे दूर कर दिया गया। वात्सला के साथ केवल उनकी मां वहां मौजूद रहीं।
विदित हो कि वत्सला पटना के बिज़नेस मैन विनय सिंह की बेटी हैं। पिता विनय सिंह ने बड़े अरमानों से अपनी बेटी की शादी एक आइएएस अधिकारी के साथ कि थी। लेकिन बकौल वत्सला शादी के तुरंत बाद हनीमून जाने को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि डीएम ने रिश्ता बचाने की बजाय तलाक लेने का फैसला ले लिया।
दिन भर डीएम धर्मेंद्र कुमार सामने तो नहीं आये, लेकिन शाम ढलते ही उनकी तरफ से पत्नी वत्सला और उसके परिवार वालों पर वहां से हटने का दबाव बढ़ने लगा।
हालांकि मीडिया ने जब डीएम धर्मेंद्र कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया तो यह बताया गया कि जमुई के जिलाधिकारी अवकाश पर हैं।
15 घंटों से ज्यादा अपने पति के दरवाजे पर बैठी वत्सला का आरोप है कि रात होते ही उनपर पर उनके परिवार वालों को डीएम आवास से हटने का दबाव बढ़ाया गया।
उनके आइएएस पति ने अपने पद का बेजा इस्तेमाल कर पहले उन्हें आवास से सर्किट हाउस ले गए और फिर वहां से पुलिस टीम की निगरानी में जमुई जिले की सीमा से बाहर कर दिया गया।
हैरत है कि इस हाई प्रोफाइल मामले में वात्सला को न्याय दिलाने या डीएम धर्मेंद्र कुमार से बातचीत कराने की किसी ने कोई पहल नहीं की।