“सरकारी राशि का दुरूपयोग और उसका हश्र क्या होता है। उसका नजारा सीएम के घर आंगन में भी खूब दिखता है। चंडी में चालीस लाख की राशि से निर्मित मिनी स्टेडियम को ही देख लीजिए। कैसे जनहित की राशि अपनी हो जाती है। कैसे लाखों का काम का गोलमाल हो जाता है। कैसे लाखों की सरकारी राशि पानी में डूब जाती है। लेकिन इससे किसी के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता ।न तो पदाधिकारी को न ही विधायक को। आखिर काम कराने वाले ज्यादातर ठेकेदार तो विधायक के ही हितैषी जो ठहरे।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के चंडी के ह्दय स्थली बापू हाईस्कूल के मैदान पर चालीस लाख से निर्मित मिनी स्टेडियम इन दिनों झील बना हुआ है। यहाँ खेल की जगह बच्चे तैराकी कर रहे हैं ।
थोड़ी सी बारिश ने मैदान को झील बना कर रख दिया है। हर साल मैदान में पानी जमा रहता है लेकिन पानी निकालने को लेकर विधायक की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।
यहां तक कि बापू हाईस्कूल और उससे सटे मध्य विधालय का रास्ता जलमग्न और कीचड़ मय बना हुआ है।फिर भी किसी की सुध नहीं। सब लिजलिजे सिस्टम के शिकार है।
चंडी का मिनी स्टेडियम हर साल हल्की बारिश में तालाब या झील बन जाता है।
एक्सपर्ट मीडिया के एक जागरूक पाठक ने झील में तब्दील मिनी स्टेडियम की बदहाली पर चिंता व्यक्त करते हुए स्टेडियम की दुर्दशा पर कुछ फोटो भेजे हैं ।जिसे आप भी देख सकते हैं कि आखिर 40 लाख की कोई योजना कैसे पानी में डूब जाती है।
इसी साल 26 जनवरी को क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन के मौके पर उपस्थित समाजसेवी धनंजय कुमार ने विधायक हरिनारायण सिंह के पुत्र अनिल कुमार का ध्यान मिनी स्टेडियम की बदहाली पर आकृष्ट कराया था।
लेकिन अभी तक विधायक हरिनारायण सिंह की ओर से कोई कारगर कदम नहीं उठा सकें हैं ।
आखिर कब तक सरकारी राशि और योजनाएँ दम तोड़ती रहेगी और हमारे हुक्मरान,पदाधिकारी तमाशबीन बन लूट में हिस्सेदार बनें रहेंगे ।