गुलीकेरा नरसंहारः सभी 7 शव बरामद, अब तक 3 गिरफ्तार, पुलिस छापामारी जारी
“आज दोपहर जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ की टीम ने 7 लोगों के शव बरामद करने में सफल रही। इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों पर प्राथमिकी दर्ज करते अब तक 3 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापामारी जारी है.…..”
चाईबासा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। पश्चिम सिंहभूम जिला के नक्सल प्रभावित गुदड़ी थाना क्षेत्र के गुलीकेरा गांव में रविवार को पत्थलगड़ी के समर्थन और विरोध को लेकर उत्पन्न ग्रामीणों की रंजिश में 7 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई थी।
2 दिन बाद मंगलवार को इस मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में जहां सनसनी फैल गई वही पुलिस प्रशासन ने मामले पर त्वरित कार्रवाई शुरू करते हुए सर्च अभियान शुरू कर दी और बुधवार के दोपहर जिला पुलिस एवं सीआरपीएफ की टीम ने 7 लोगों के शव बरामद करने में सफल रही।
नक्सल प्रभावित गुदड़ी थाना क्षेत्र में पिछले साल से ही पत्थलगड़ी का प्रभाव देखने को मिला था। पूर्व की बीजेपी सरकार के दौरान पत्थलगड़ी का जो अभियान शुरू हुआ था। एक बार फिर उसे तेज करने के लिए गुली खेड़ागांव में प्रयास किया जा रहा था। जिसमें पत्थलगड़ी के समर्थक एवं इसके विरोध में ग्रामीण दो भागों में बंठे हुए थे।
हत्या के कारणों के संबंध में पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने बताया कि इसी क्रम में 16 जनवरी को पत्थलगड़ी के समर्थकों के घरों में मृतकों के द्वारा तोड़फोड़ मचाई गई थी।
इस घटना को लेकर 19 जनवरी को पंचायत बुलाकर 9 लोगों को पंचायत के सामने पेश किया गया था। इस दौरान दो लोग पंचायत से भाग निकले एवं बाकी 7 लोग भी भागने की कोशिश कर रहे थे। इसी क्रम में गांव वालों ने पकड़ कर इनकी हत्या कर दी और लाश को पास के जंगल में फेंक दिया था।
मामले की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन के द्वारा मृत परिवारों के सदस्यों को नियमानुसार आर्थिक मदद देने का भरोसा दिया जा रहा है। जबकि यह भी दावा किया जा रहा है कि इस क्षेत्र में विकास की योजनाएं धीरे धीरे पहुंचने लगी थी।
पुलिस का मानना है कि क्षेत्र में सरकार या प्रशासन के खिलाफ किसी तरह का माहौल नहीं देखा गया सभी कुछ सामान्य लग रहा है एवं इस घटना के दौरान सभी लोगों ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को सहयोग भी किया।
पत्थलगड़ी के संबंध में एसपी ने बताया कि यह एक पारंपरिक व्यवस्था है, ना की किसी का विरोध।
बहरहाल, इस घटना को लेकर क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ऐसी घटना की पुनरावृति ना हो इसके लिए गांव में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है। वहीं विपक्षी दल इस पर हेमंत सोरेन की सरकार पहली कैबिनेट में पत्थलगड़ी के संबंध में लिए गए निर्णय को आड़े हाथों में भी ले रहे हैं।