Home देश गुंडागर्दी के बीच नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई 31 मार्च तक स्थगित

गुंडागर्दी के बीच नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई 31 मार्च तक स्थगित

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चंडी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में तनाव को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने 31 मार्च तक कॉलेज को बंद कर दिया है।यह आदेश प्रथम वर्ष से लेकर थर्ड इयर के सभी छात्रों पर लागू होगा। जबकि फाइनल इयर की पढ़ाई पहले की तरह संचालित होती रहेगी।

नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सीबी महतो ने बताया कि मारपीट की घटना के बाद   छात्रों के बीच उत्पन्न विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है।जूनियर छात्र भी दो गुटों में बंटे हुए हैं ।

nalanda e collage 1जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच तनाव देखा जा रहा है।जिसको देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने निर्णय लिया है कि 31 मार्च तक थर्ड इयर तक के छात्रों को छुट्टी दे दी जाए।यह आदेश फाइनल इयर के छात्रों पर लागू नहीं होगा ।उनकी पढ़ाई चलती रहेगी।

प्राचार्य ने बताया कि लड़ाई हाॅस्टल बनाम बाहरी छात्रों की लड़ाई हो गई है।छात्रों ने इस घटना के लिए माफी मांगा है ।लेकिन भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए कॉलेज प्रशासन को कड़ा कदम उठाना पड़ रहा है।ताकि ऐसी घटना न घटे।

प्राचार्य ने छात्रों द्वारा दी गई घटना की भर्त्सना की और कहा कि यह दुखद घटना हुई है।

प्राचार्य ने बताया कि घटना की जांच के दौरान छह छात्रों की घटना में संलिप्ता सामने आई है।उनके खिलाफ एफआईआर हुई है।अन्य छात्रों को भी चिन्हित किया जा रहा है।दोषी छात्रों को बख्शा नही जाएगा ।

दस साल पूर्व 19 नवम्बर 2008 को चंडी मगध महाविद्यालय में कॉलेज का संचालन शुरू हुआ था । जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि एम आई टी मुजफ्फरपुर के बाद नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज का स्थान दूसरा है। 

अपने शैशव काल से इंजीनियरिंग छात्रों का उत्पात जारी है।सर्वप्रथम नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने बस भाडा को लेकर बस चालकों की पिटाई की थीं ।

दिसम्बर 2009 में छात्रों ने कॉलेज की बिल्डिंग तथा अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन तक किया ।यहाँ तक कि कॉलेज के छात्रों की एक आवाज पर तत्कालीन डीएम, एसपी ही नहीं बल्कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव तक दौड़े चले आते थे। सिर्फ़ इस लिए कि यह सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला है और उनके लिए यह प्रतिष्ठा का विषय है।

आए दिन चंडी बाजार में छात्रों का उत्पात चलता रहा ।कई बार तो उनकी भिंड़त मगध महाविद्यालय के छात्रों के साथ भी हुई।अप्रैल 2012 में स्थिति तो इतनी बिगड़ गई कि छात्रों ने थाना में ही हंगामा शुरू कर दिया । थाने के एक जमादार की पिटाई तक कर डाली।पुलिस छात्रों के सामने भींगी बिल्ली बन कर रह गई । 

छात्रों ने थाने से पुलिस कर्मियों को खदेड डाला। मामला इतना बिगड़ गया कि तत्कालीन एसपी निशांत तिवारी को मोर्चा संभालना पड़ा ।छात्रों ने उन पर भी हमला कर दिया ।

एक छात्र ने तो उन पर गैस सिलेंडर जलाकर फेंक दिया था । बाद में जब मामला पुलिस के हाथ से निकलता दिखा तब चंडी की जनता ने मोर्चा संभाल लिया । 

चंडी की जनता ने उन्हें घर से निकालकर पीटना शुरू किया तब जाकर छात्र अपनी जान बचाकर इधर उधर भागें। इस घटना के बाद कई महीनों तक कॉलेज के छात्रों के बीच शांति बनी रही।फिर भी बाद के दिनों में छात्रों के द्वारा छिटपुट घटना को अंजाम दिया जाता रहा ।

लेकिन मंगलवार की घटना को देखकर 2012 की घटना स्वतः लोगों के जेहन में ताजा हो गई।जब सैकड़ों की संख्या में छात्रों  सड़क पर निकल कर हंगामा और उत्पात मचाने लगें। सीनियर छात्रों ने घर में घुस घुस कर जिस तरह से जूनियर छात्रों की बेरहमी से पिटाई की गई ।

अगर यह घटना दिन के उजाले में होता तो एक बार फिर छात्र -पब्लिक के बीच घटना की पुनरावृत्ति को कोई रोक नहीं सकता था ।भले ही मकान मालिक इस घटना के बाद भी नपुंसक बने हुए है। लेकिन चंडी की जनता में आक्रोश आज भी दिख रहा है।

स्थानीय बस स्टैंड के पास एक गर्ल्स हाॅस्टल में रह रहें छात्राओं के हंगामे से भी स्थानीय लोग परेशान है।शिक्षक पंकज कुमार का कहना है कि नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज चंडी के लिए एक कोढ साबित हो रहा है।

वही आरटीआई एक्टिविस्ट उपेन्द्र प्रसाद सिंह का मानना है कि नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र -छात्राएँ हाथ में हाथ डालकर बीच बाजार में चलते हैं जिससे चंडी के छात्राओं पर इसका कुप्रभाव दिख रहा है।

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