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    Sunday, November 24, 2024
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      ‘गिरी सोच’ की उपज अश्विनी चौबे के घटिया बोल, राहुल गांधी को कहा ‘गटर का कीड़ा’

      हवा के दम पे जो आकाश छूने लगते हैं, वही जमीन की तहजीब भूल जाते हैं……………..

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      गिरी सोच के जुबान वाले केन्द्रीय मंत्री सह भाजपा नेता अश्विनी चौबे…

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (पटना ब्यूरो)। नैतिकता और सुचिता की दुहाई देने वाली भगवा पार्टी में एक से एक ऐसे नेताओं की भरमार है जो गंदी सोच से ग्रसित है। उन्हें भ्रम हो गया है कि वह ही अकेले देश के एकमात्र पार्टी के नेता है। उनके सामने विरोधी की कोई इज्जत नहीं है। वह नाली के कीड़े के समान है।

      भाजपा नेताओं के बोल आए दिन बिगडते रहे है। संसदीय भाषा अब अपशब्द बनते जा रहे हैं। आक्षेप और सियासी अनबन को नेता सियासी दुश्मन की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

      इस बार बिहार से केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिग्गज अश्विनी चौबे की गंदी सोच उजागर हुई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर पिछले दिनों जमकर बरसने वाले केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तुलना नाली के कीड़े से की है। उन्हें मानसिक रोगी बताते हुए मेंटल हॉस्पिटल भेजने की बात कही है।

      केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा राफेल डील पर उनकी आक्रमकता को लेकर बहुत कुछ बोल गए।

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      कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी…

      उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मेंटल सिजोफ्रेनिया बीमारी से ग्रसित हैं। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति दूसरों को पागल कहता है। लेकिन खुद क्या होता है उसे भी नहीं मालूम।

      केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर जिस प्रकार से राफेल डील पर कीचड़ उछाला जा रहा है, उससे वह बेहद आहत हैं। राहुल गांधी झूठ कहने वाले और असंवैधानिक भाषा का प्रयोग करने वाले इंसान हैं।

      केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने पीएम मोदी की तुलना आकाश से की तो वहीं राहुल गांधी को नाली का कीड़ा तक कह डाला। उन्होंने कहा कि वह खुद देश को कांग्रेस मुक्त कर रहेंगे ।

      श्री चौबे का  राहुल गांधी के खिलाफ अपशब्द कहने से जब मन नहीं भरा तो उन्होंने हर बार की तरह राजद पर भी जमकर भडास निकाली। उन्होंने कहा कि जो पशुओं का चारा खा चुका है वह अब जेल में सड़ता रहेगा।

      उन्होंने महागठबंधन को ठगबंधन करार देते हुए कहा कि इन्हें जनता की हाय लगी है। यह पहली बार नहीं हुआ है कि भाजपा नेताओं के बोल बिगड़े है।

      नैतिकता और सुचिता की दुहाई देने वाली पार्टी स्वयं इस देश की हर परम्परा और मान्यता का उल्लंघन करती रही है। परंतु जब कोई पलट कर उससे प्रश्न पूछे तो उसके खिलाफ अपशब्द का प्रयोग कर चुप कराना भारतीय लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण तो नहीं दिखता है।

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