“तीसरी आंख के सहारे अधिकारी खुद को सुरक्षित करने की कोशिश, जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे, शहर में अब तक नहीं लगा सीसीटीवी कैमरे, तीन साल पहले लिया गया था सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय, सीसीटीवी कैमरे का मकसद था अपराध से शहरवासियों को महफूज रखना, लेकिन अब खुद महफूज रखने का हुआ फूहड़ प्रयास”
हिलसा (चन्द्रकांत)। निगरानी की कार्रवाई के बाद अधिकारियों की निंद्रा टूटी तो खुद को तीसरी आंख के सहारे सुरक्षित करने की कोशिश कर ली गई, लेकिन जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दिया। शहरवासियों को महफूज रखने के लिए करीब तीन साल पहले लिए गए निर्णय पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पिछले माह पटना से हिलसा आई निगरानी की टीम बीस हजार रुपये रिश्वत लेते आरटीपीएस कार्यालय से सीओ सुबोध कुमार को गिरफ्तार किया। जहां से सीओ की गिरफ्तारी हुई वहां मात्र दो कर्मी मौजूद थे। अन्य कर्मी थोड़ी दूर पर अपने-अपने केबिन में काम रहे थे।
बाबजूद इसके हल्ला किया गया सीओ सुबोध कुमार को जबरन गिरफ्तार किया गया। विरोध में कर्मी और अधिकारी एकजुट होकर धरना-प्रदर्शन किए। सभी अधिकारी व कर्मी तीन दिनों के सामूहिक अवकाश पर चले गए, लेकिन दूसरे ही दिन सभी काम पर वापस भी लौट आए।
सीओ की गिरफ्तारी के बाद तरह-तरह की चर्चाएं आई लेकिन किसी के पास बचाव में कोई साक्ष्य नहीं था। निगरानी की कार्रवाई से खौफजदा अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्णय ले लिया। अधिकारी के निर्णय का असर भी दिखा।
रजिस्ट्रार कार्यालय और बीडीओ ऑफिस में सीसीटीवी कैमरा लगा दिया गया। जल्द ही अनुमंडल और नगर परिषद कार्यालय में भी सीसीटीवी कैमरा लग जाने की चर्चा है।
खुद को तीसरी आंख के सहारे सुरक्षित कर लेने वाले अधिकारियों को जनता की सुरक्षा का जरा-सा भी ख्याल नहीं आया और जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दिया।
जबकि शहरवासियों की सुरक्षा के लिए शहर में एक दर्जन से अधिक जगहों पर सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव सार्वजनिक बैठक में लिया गया।
इस बैठक में नालंदा के वर्तमान डीएम डॉ त्यागराजन एस मनोहरराम के अलावा तत्कालीन एसपी विवेकानंद एवं कुमार आशीष भी शरीक हुए थे। इस संबंध में पुलिस एवं प्रशासनिक स्तर पर एक प्रस्ताव भी जिला मुख्यालय को भेजा गया, लेकिन फलाफल सिफर रहा।
तकरीबन तीन साल की एक लम्बी अवधि बीत गई, अबतक एक दर्जन क्या एक भी सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया। मालूम हो कि शहर में जनता को सुरक्षित रखने तथा अपराध नियंत्रण के लिए राज्य की राजधानी पटना तथा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया।
सीसीटीवी कैमरा की मदद से ही रातजगा कर आमजनों को सुरक्षित रखने की कोशिश करने वाली कई अपराधियों को धर-दबोचने में सफल रही है।
बहरहाल जो भी खुद को सुरक्षित रखने के निर्णय से समझा जा सकता है कि हिलसा में अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन में कितने सचेष्ट हैं।
कहते हैं अधिकारी……..
सीसीटीवी कैमरा लगाने में बहुत ज्यादा खर्च आता है। इतना खर्च कर शहर में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया जा सकता। शहर में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए विभाग से अलग बजट का प्रावधान नहीं है। कार्यालय में कंटीजैंसी से सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा। …………. दीनानाथ, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, हिलसा।
हिलसा में कौन-कौन कार्यालय है कार्यरत
1- अनुमंडल कार्यालय 2- डीएसपी कार्यालय 3- नगर परिषद 4- अंचल कार्यालय 5- मनेरगा कार्यालय 6- प्रखंड कार्यालय 7- कृषि कार्यालय 8- आरईओ कार्यालय 9- आरडब्लूडी कार्यालय 10- सीडीपीओ कार्यालय 11- अनुमंडलीय अस्पताल 12- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 13- विद्युत कार्यालय 14- टेलीफोन कार्यालय 15- रजिस्ट्री कार्यालय 16- कोषागार 17- थाना 18- पुलिस इंसपेक्टर कार्यालय आदि।