“36 घंटे तक झोपड़ी में छिपी रही थी पुलिस तब पकडा गया था बबलू सिंह, इस कुख्यात के हैं कई बाहुबली राजनेताओ से घनिष्ट सम्बन्ध, किसी परिचित लुहार से ही कटवा सकता है वह अपनी हथकड़ी”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बुधवार को पटना के पीएमसीएच से फरार हुआ पटना का टॉप-टेन अपराधियों में से एक विक्रम थाना का गोडखरी गांव निवासी कुख्यात बबलू सिंह एक बार फिर से आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर पटना पुलिस की नींद उड़ा सकता है।
30 से भी अधिक संगीन मामलों में आरोपित बबलू सिंह को बीते दिसम्बर महीने में पटना पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उसके गांव से गिरफ्तार किया था।
बबलू को गिरफ्तार करने के लिए पटना पुलिस की विशेष टीम तब सादी वर्दी में 36 घंटे तक गोडखरी गांव के बाहर एक झोपड़ी में में उसकी ताक में छिपी बैठी रही थी।
बबलू पर पटना के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. रमेश चन्द्र का का अपहरण सहित दो दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं।
डा. रमेश चंद्र का अपहरण 17 मई 2003 को नौबतपुर से पटना आते वक्त कर लिया गया था। तब अपहर्ताओं ने उन्हें रिहा करने के एवज में उनके परिजनों से 1 करोड़ की फिरौती की मांग की थी।
बाद में पुलिस ने 21 मई 2003 को नौबतपुर के चिरौरा गांव से डा. रमेश चन्द्र को बरामद किया था। मुक्ति के बाद भयवश डा. रमेश चंद्र पटना छोड़ कर परिवार सहित विदेश में शिफ्ट कर गए।
इसी हाई-प्रोफाइल किडनैपिंग केस से ही कुख्यात अपराधी बबलू सिंह चर्चा में आया था। हत्या, लूट, डकैती, किडनैपिंग और रंगदारी जैसे गंभीर 31 आपराधिक मामले इसके खिलाफ पटना जिले के कई थानों में दर्ज हैं।
कुख्यात अपराधी होने के साथ ही बबलू बड़ा शातिर भी है। पूर्व में पटना पुलिस की टीम ने इसे हत्या के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। लेकिन इस शातिर ने हाईकोर्ट के नाम पर फर्जीवाड़ा किया।
2010 में उसने बेल ऑर्डर का एक फर्जी पेपर बनवाया और उसी आधार पर जेल से बाहर निकल गया। फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने भी एक एफआईआर इस कुख्यात के खिलाफ दर्ज करा रखा था।
फरारी के बीच ही उसने एक महिला मुखिया की हत्या सहित दर्जनों आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया। कुख्यात बब्लू सिंह पटना पुलिस के टॉप- 5 के अपराधियों की लिस्ट में शामिल था।
बीते दिसबंर माह में उसकी गिरफ्तारी के पूर्व काफी दिनों से इसे पकड़ने के लिए पटना पुलिस मेहनत कर रही थी। लेकिन लगातार ठिकाना बदलने की वजह से इस पकड़ने में पुलिस फेल हो जा रही थी।
बब्लू सिंह विक्रम थाना के गोरखरी गांव का रहने वाला है। इस पंचायत का वो मुखिया भी रह चुका है। फिलहाल इसके पिता वर्तमान में मुखिया है।
पुलिस की मानें तो पिता का भी लंबा आपराधिक इतिहास रहा चुका है। अपराधी होने की वजह से पूरे गांव में इनका दबदबा है। जिस कारण गांव का कोई भी व्यक्ति इसके खिलाफ नहीं बोलता।
सूत्रों के अनुसार कुख्यात बबलू सिंह को दो बाहुबली राजनेताओ का संरक्षण भी प्राप्त है। इन दोनों बाहुबलियों का भी लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। फरारी के दौरान बबलू सिंह लगातार अपने गांव में ही रह रहा था। लेकिन वो अपने घर पर नहीं रहता था।
इस बात की जानकारी पटना के एसएसपी मनु महाराज को मिली थी। दिसम्बर 2007 में एसएसपी ने पालीगंज एसडीपीओ मनोज पांडेय को इस मामले में कार्रवाई करने और बबलू सिंह को अरेस्ट करने का निर्देश दिया था।
तब वेश बदलकर मनोज पांडेय, नौबतपुर थाना के एसएचओ और 5 पुलिस वाले गोड़खरी पहुंचे थे। तब गांव के ही एक झोपड़ी को पुलिस टीम ने अपना ठिकाना बनाया था।
लगातार 36 घंटे तक पुलिस टीम उस झोपड़ी में बगैर कुछ खाए-पिए मुस्तैद रही और बबलू सिंह के मूवमेंट पर कड़ी नजर रखने लगे। रात के अंधेरे में जैसे ही बबलू सिंह एक घर से निकला, वैसे ही पुलिस टीम ने उसे अपने घेरे में ले लिया था।
तब तलाशी के दौरान उसके पास से जर्मन मॉडल की लेटेस्ट पुलिस रिवाल्वर और 30 गोलियां बरामद की गईं थी। तब उसने पूछताछ में उसने बताया कि उसके पिता की तबियत खराब थी, उन्हें देखने के लिए ही वो अपने घर जा रहा था।
पर तीन माह पूर्व पुलिस को मिली यह सफलता तब काफूर हो गई, जब न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल से आंख के इलाज के लिए पुलिस अभिरक्षा में पीएमसीएच लाया गया बबलू सिंह बुधवार को शौच जाने के बहाने हथकड़ी समेत पीएमसीएच से फरार हो गया।
बबलू सिंह कलाइ्र में लगे जिस हथकड़ी के साथ फरार हुआ उस हथकड़ी को कोई लुहार ही काट सकता है। संभावना है कि बबलू सिंह अपने गांव या किसी परिचित के संपर्क में रहने वाले किसी लुहार से हथकड़ी कटवाने के लिए संपर्क साध रहा होगा।
इधर बबलू सिंह की फरारी को चुनौती मानते हुए पटना पुलिस की एक विशेष टीम पीएमसीएच और उसके बाहर लगे सीसीटीवी को खंगाल रही है।
पुलिस को आशंका है कि उसकी फरारी सुनियोजित है और पीएमसीएच से निकलने के बाद वह किसी निजी वाहन पर सवार होकर फरार हो गया।