“बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में बढ़ते अपराध के बीच पुलिस की कार्यशैली को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। आज स्थिति यहां तक पहुंच गई कि जिला मुख्यालय बिहार शरीफ कोर्ट के वकीलों ने सीधे एसपी सुधीर कुमार पोरिका और डीएसपी निशित प्रिया द्वारा नालंदा अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों के खिलाफ अमानवीय बर्ताव और दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर हड़ताल करते हुये प्रतिरोध पैदल मार्च निकाला।
वकीलों का यह प्रतिरोध पैदल मार्च बिहारशरीफ कोर्ट से सीधे जिला समाहरणालय भवन पहुंचा और जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम को एक ज्ञापन सौंपा।
अधिवक्ता संघ ने जिलाधिकारी के जरिये बिहार के सीएम नीतिश कुमार से नालंदा के एसपी और डीएसपी के खिलाफ फौरिक कार्रवाई करने की मांग की है।
सीएम के नाम सौंपे ज्ञापन में उल्लेख है कि संघ के एक सम्मानित सदस्य अधिवक्ता पवन कुमार सिन्हा को लहेरी थाना में विना किसी वैधानिक अधिकार के बुलाया गया और अवैध रुप से अभिरक्षा में लिया गया।
इसकी जानकारी जब नालंदा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रभात कुमार रुखैयार एवं महासचिव को मिली तो वे दोनों अन्य सदस्यों के साथ पुलिस कार्यालय गये, जहां उन लोगों की मुलाकात एसपी सुधीर कुमार पोरिका और डीएसपी निशित प्रिया से हुई।
जब उन दोनों पुलिस पदाधिकारी को लहेरी थाना में पुलिस द्वारा अधिवक्ता पवन कुमार सिन्हा को अवैध रुप से अभिरक्षा में रखने एवं अवैधानिक अमानवीय व्यवहार से अवगत कराया तो वे उल्टे बिगड़ गये और बोले कि ‘हम अधिवक्ता को कुछ नहीं समझते हैं और 24 घंटा तक बिना कारण बताये पुलिस को किसी भी व्यक्ति को निरुद्ध करने का अधिकार है। जाईये यहां भीड़ मत लगाईये। नहीं तो पुलिस बल प्रयोग करना पड़ेगा।’
इससे आक्रोशित नालंदा जिला अधिवक्ता संघ की एक आम बैठक हुई। जिसमें दोनों पुलिस पदाधिकारी की क्रिया-कलाप की सर्व सम्मति से तीव्र भ्रत्सना की गई और यह आम निर्णय लिया गया कि पुलिस द्वारा अधिवक्ता को अवैध रुप से अभिरक्षा में रखने, एसपी और डीएसपी द्वारा अमानवीय व्यवहार करने की सूचना डीएम के जरिये सीएम को दी जाये।
संघ की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आज दिन भर संघ के सभी सदस्य न्याययिक कार्य से खुद को अलग रखते हुये अग्रेतर कार्रवाई हेतु समीक्षा कर उचित निर्णय लिया जायेगा।
सीएम के नाम डीएम को सौंपे ज्ञापन में उल्लेखित एसपी और डीएसपी के खिलाफ यथाशीघ्र उचित कार्रवाई न होने की दशा में आंदोलनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।