Home आस-पड़ोस एसपी का देखिये फ्रॉडिज्मः सरेंडर को DSP टीम की अरेस्टिंग बताया

एसपी का देखिये फ्रॉडिज्मः सरेंडर को DSP टीम की अरेस्टिंग बताया

 “ नालंदा पुलिस अपनी पीठ थपथाती है। मीडिया उसे स्वीकार करती है। सब कुछ जानते हुये भी मोची बन चेहरे पर पॉलिश करती है। यह हाल है सीएम नीतिश कुमार के नालंदा की। जहां वर्तमान में इतना कुशासन देखने को मिल रही है, जैसा पिछले 3 दशक में कभी देखने को नहीं मिला। वर्तमान एसपी सुधीर कुमार पोरिका का तो कोई सानी नहीं है……..”

ASP NALANDA SARENDER 1
ASP एसपी मिश्रा के आवास में सरेंडर करने के बाद पुलिस के साथ बाहर निकलता आरोपी…..

बता दें कि नालंदा जिले के सिलाव थाना के नानंद में शुक्रवार को ध्रुव सिंह की हत्या का आरोपित बबलू पासवान को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही नालंदा एएसपी एसपी मिश्रा के समक्ष सरेंडर किया।

आरोपी बबलू पासवान पहले स्थानीय सिलाव थाना में सरेंडर करना चाहता था, लेकिन उसने वहां खुद को असुरक्षित समझते हुये एएसपी सत्य प्रकाश मिश्र से संपर्क किया और सारी बातें बताते हुये खुद क सरेंडर करने की बात कही।

उसके बाद नालंदा एएसपी आवास में जाकर बबलू पासवान ने आत्म समर्पण कर दिया। इससे पहले बबलू पासवान के घर से छापामारी  एक पिस्तौल व एक गोली का खोखा बरामद किया गया था। 

नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने खुद प्रेस कांफ्रेस की और अपना और अपने चहेते राजगीर डीएसपी का चेहरा चमकाने की मंशा से प्रेस कांफ्रेस कर बताई मनगढ़त कहानी……

बबलू पासवान ने आत्मसमर्पण करने के दौरान कथित तौर पर आरोप स्वीकार किया  था कि उसके भतीजी के साथ ध्रुव सिंह हमेशा बदमाशी और छेड़खानी किया करता था, इसलिये उसने उब कर अंततः हत्या कर डालने जैसे कदम उठाया।

लेकिन एसपी सुधीर कुमार पोरिका इस मामले को लेकर बाजाप्ता सोशल मीडिया ग्रुपों में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नानंद में दो बच्चियों के बीच हुए विवाद के बाद मंगलसूत्र गुम होने के बाद उसकी मांग करने पर बबलू पासवान ने ध्रुव सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद वह फरार हो गया था।

इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद राजगीर डीएसपी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था। गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बबलू पासवान को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार बबलू ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

लेकिन नालंदा एसपी यहां भूल गये कि बबलू पासवान सरेंडर करने पहुंचा था और उस दौरान एएसपी के आवास से पुलिस साथ बाहर निकलने के क्रम में हाथ में लिये कपड़ा वगैरह के थैले स्पष्ट रुप से देखा गया।

बकौल नालंदा एसपी प्रेस विज्ञप्ति,छापेमारी टीम में राजगीर डीएसपी, सिलाव थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी, पुअनि नवीन किशोर पांडेय, सअनि सत्येन्द्र सिंह व सशस्त्र बल शामिल थे।

इस संबंध में सिलाव थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज से साफ तौर पर बताया, “ देखिये, ये साहब लोगों की बात है। इसमें वे कुछ नहीं कह सकते। हालांकि इसके पहले थानाध्यक्ष ने बताया कि गांव से गिरफ्तारी हुई है। लोकेशन की बात पर वे चुप्पी साध गये थे।”

सबाल उठता है कि जो व्यक्ति एएसपी एसपी मिश्रा के समक्ष सरेंडर किया, उसे एसपी ने डीएसपी व संबंधित थाना प्रभारी के नेतृत्व छापामारी कर दबोचने की बात कहां से उठ खड़ी हुई।

दरअसल, वर्तमान नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका जब से नालंदा जिले में पदास्थापित हुये हैं। इस तरह के खेला अधिक खेले जा रहे हैं। यहां पुलिस की हर नाकामियों या अधिनस्थ अफसरों की कुशलता के दबाव से सामने आये नतीजे को वे मनगढ़ंत कहानी बना मीडिया के सामने परोसने के आदि हो चुके हैं।

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज के पास हाल के ऐसे दर्जनों मामले की फेरहिश्त उपलब्ध है, जिसे पुलिस आलाकामान द्वारा सच्चाई से इतर मीडिया को परोसा गया है। जिससे आम जनों मं पुलिस की छवि ऐसी बन गई है कि लोग उनपे विश्वास नहीं करते और मौका मिलते ही आक्रोशित हो उठते हैं, जिसका खामियाजा समूचे प्रशासनिक तंत्र को भुगतना पड़ता है।

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