एक तरफ जहां बिहार के सीएम नीतीश कुमार अपनी लोक संवाद कार्यक्रम के दौरान मीडिया के सामने उपलब्धियां और नीतियों की बखान कर रहे हैं, दूसरी तरफ उन्हीं के गृह जिले नालंदा के पसंदीदा राजगीर नगर क्षेत्र से एक शर्मसार कर देने वाली खबर आ रही है
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के राजगीर नगर पंचायत क्षेत्र में गरीबी और उपेक्षा के शिकार एक महादलित परिवार के मुखिया उमेश कंजर द्वारा अपने तीन बच्चों के साथ जहर खाकर अपनी जीवन लीला खत्म करने की कोशिश की है। ईलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई है। मुखिया की हालत गंभीर बताई जा रही है। अन्य दो बच्चों की हालत में सुधार बताया जा रहा है।
खबर है कि राजगीर थाना के सामने बीएसएनएल ऑफिस के पास करीब दो दशक से झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे उमेश कजंर ने अपने अपने 3 बच्चों (सभी लड़का) को जहर खिलाने के उपरांत खुद भी खा ली। जिसकी भनक मिलते ही परिजनों एवं पड़ोसियों ने सबों को ईलाज के लिए राजगीर सदर अस्पताल ले गए। वहां ईलाज के दौरान एक बच्चा की मौत हो गई।
इसके बाद राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक उमेश चन्द्रा ने अस्पताल में ईलाज करने से इन्कार कर दिया और उसे रेफर करने के बजाय अपने नीजि क्लीनिक में ले चलने को कहा। जहां समाचार लेखन तक ईलाज जारी है।
परिजनों, पड़ोसियों एवं जानकारों की माने तो उमेश कंजर लोढ़ी-सिलोटी कूटने का कार्य करता आ रहा है। इधर हाल के दिनों में उसका धंधा काफी मंदा हो गया था। उसे खाने के लाले पड़ गए थे। महादलित होने के बाबजूद उसे कोई सुविधा नहीं मिल रही थी।
इधर कुछ दिनों से उसके घर में खाने के लिए अनाज का एक दाना भी नहीं था। आस-पड़ोस से मांग-चांग कर अपने बच्चों के किसी तरह पेट की आग बुझा रहा था। लेकिन वह इस तरह कब तक जीवन यापन करता। अंततः उसने बच्चों समेत अपनी जीवन लीला खत्म करने की मंशा से जहर खा ली।