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      एक छोटे से कस्बे का रौशन यूं बना आईएफएस

      हासिल किया देश में 56 वां स्थान, गांव के लोगों में हर्ष, सम्मानित कर जताई खुशी

      “इंडियन फोरेस्ट सर्विस (आईएफएस) में चुने गए एक सौ दस प्रतिभागियों में रौशन ने 56 वां स्थान हासिल किया। रौशन की इस सफलता से गांव-जबार के लोग काफी गदगद थे। रौशन जब गांव आया तो औड़ाबगीचा पंचायत अन्तर्गत गठित युवा चेतना समिति सम्मानित करने का निर्णय लिया।”

      मुंगेर (झुनकू)। मुंगेर जिले के उग्रवाद प्रभावित धरहरा थाना क्षेत्र के एक छोटे से कस्बे का एक बच्चा आज एक बड़ा अधिकारी बन गया। बच्चे की इस सफलता से हर्ष में डूबे लोग सम्मानित कर अपनी खुशी का एहसास कराया। मूलत: धरहरा प्रखंड के औड़ाबगीचा पंचायत के सीमा पर बसे जगदीशपुर गांव निवासी हरिबल्लभ सिंह के तीन बच्चों में रौशन कुमार सबसे छोटा है। रौशन बुनियादी शिक्षा धरहरा में ही ली। खड़गपुर स्थित नवोदय विद्यालय से मैट्रfक, रांची के श्यामली से इंटर तथा कोलकोता से मेरिन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की।

      रौशन कुमार वर्ष 2016 की यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुआ। कड़ी मेहनत और लगन के बल पर रौशन जिस मुकाम को हासिल , शायद उसकी उम्मीद न तो उनके परिवारवाले और न ही गांव-जबार के लोगों को थी।

      इंडियन फोरेस्ट सर्विस (आईएफएस) में चुने गए एक सौ दस प्रतिभागियों में रौशन ने 56 वां स्थान हासिल किया। रौशन की इस सफलता से गांव-जबार के लोग काफी गदगद थे। रौशन जब गांव आया तो औड़ाबगीचा पंचायत अन्तर्गत गठित युवा चेतना समिति सम्मानित करने का निर्णय लिया। समिति के इस निर्णय की लोग न केवल सराहना की बल्कि एतिहासिक क्षण के गवाह भी बन गए।

      सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि धरहरा अंचल के सीओ मनोज कुमार, विशिष्ट अतिथि थानाध्यक्ष अनिवाश चंद्रा, अतिविशिष्ट अतिथि के रुप में औड़ाबगीचा पंचायत के मुखिया सोनी कुमार के साथ-साथ समिति के संरक्षक बबन सिंह भी शरीक हुए।

      सम्मान पाकर गदगद रौशन ने कहा कि गांव-जबार के लोगों से मिले इस सम्मान और प्यार को कभी नहीं भुला सकते। हम सम्मान और प्यार की लाज को बचाए रखने और गांव-जबार के लोगों की प्रतिष्ठा को बनाए रखने का हर संभव प्रयास करुंगा।

      हरबल्लभ की शालीनता ने लोगों को दिखाया आईना

      आईएफस की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले रौशन के पिता हरिबल्लभ प्रसाद की शालीनता आज लोगों के किसी आईना से कम नहीं। कभी धरहारा शहर स्थित कुमार रामानंद स्मारक हाईस्कूल में बतौर हेडमास्टर रहे हरिबल्लभ प्रसाद शुरु से ही शांत और शालीन रहे। न किसी से ज्यादा झगड़ा-झंझट और न ही बड़-बोलन की आदत हरिबल्लभ की सबसे बड़ी खूबी रही।

      घर की बेहतरी और बच्चों की पढाई के प्रति सजग रहना हरिबल्लभ की सबसे बड़ी खेती थी। देश की सर्वोत्तम प्रतियोगिता परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाला रौशन हरिबल्लभ के तीन बच्चों में सबसे छोटा है।

      सबसे बड़ी बेटी प्रीति, जो सामाजिक शास्त्र से पीजी कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही है। दूसरा बेटा प्रेमजीत बीटेक कर वोडा कम्पनी में बतौर साफ्टवेयर इंजीनियर काम कर रहे हैं। हरिबल्लभ प्रसाद की पत्नी रानी सिंह मैट्रीक पास होने के साथ-साथ कुशल गृहणी हैं।

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