कतरीसराय, नालंदा (सन्तोष भारती)। चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर बिहार सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानीयों का सम्मान समारोह आयोजित कर सराहनीय पहल किया है।
विदित हो कि नालंदा जिला में कुल 76 सेनानियों को सम्मानित करेंगे। जिनमें 39 लोगों को वृद्धावस्था व अस्वस्थ होने की वजह से उनके निवास स्थान पर ही सम्मानित किया गया है। जिनमें बिन्द में 2, अस्थावां में 2, हरनौत में 6, सरमेरा में 3, एकंगर सराय में 2, चिकसौरा एक, चंडी दो, राजगीर एक, सिलाव एक तथा कतरीसराय में 1 स्वतंत्रता सेनानी हैं।
इसी क्रम में आज 93 वर्षीय डॉ बासुदेव नारायण सिन्हा को उनके निवास स्थान भगवानपुर में खादी के वस्त्र शॉल गांधी टोपी बैग व प्रसश्ति पत्र देकर प्रखंड के वरीय पदाधिकारी जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक नेहा नुपूर एंव बीडीओ डॉ सराफत हुसैन ने सामूहिक रूप से सम्मानित किया।
इस मौके पर नेहा नुपूर ने कहा कि बड़े सौभाग्य की बात है कि एक स्वतंत्रता सेनानी को सम्मानित करने का सौभाग्य मिला है, जिन्होंने देश की आजादी में हिस्सा लिया। इस मौके पर स्वतंत्रता सेनानी ने भावुक हो कर स्वतंत्रता संग्राम के चन्द बातों को बताया।
उन्होंने बताया कि विद्यार्थी जीवन में साथियों संग अंग्रेजी सैनिकों के रास्ता रोकने के लिए लागातार कई किलो मीटर तक पेड़ काट कर सड़क पर गिरा देते थे। बापू के 21 दिन के सत्याग्रह उपवास के समय ये चार महीने से सेवाग्राम आश्रम में अपनी सेवा दे रहे थे। चर्चिल पैथिक लॉरेंस लॉडकृप्श जैसे अंग्रेज़ी हुक्मरानों से भी लोहा ले चुके हैं।
ग्रामीणों ने उपस्थित पदाधिकारियों से अपनी मांग रखते हुए कहा कि मोड़ से भगवानपुर होते हुए कतरडिह जाने वाले मार्ग का नाम स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाय। इस पर उपस्थित अधिकारियों ने ग्रामीणों की मांग अनुशंसा कर विभाग को भेजने का अश्वसन दिया। इस मौके पर नवादा की समाज सेवी विभा सिन्हा, मीना सिंह, जदयू नेता मिथिलेश प्रसाद, गुड्डु प्रसाद, सरपंच सचिन प्रसाद सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।