Home देश अब पुलिस की कमाई का खुला जरिया बनेगा संशोधित शराबबंदी कानून

अब पुलिस की कमाई का खुला जरिया बनेगा संशोधित शराबबंदी कानून

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बिहार सरकार ने बिहार मधनिषेध और उत्पाद संशोधन विधेयक 2018 पारित किया। क्या मुख्यमंत्री स्वीकारते है कि उन्होंने पहला वाला क़ानून अहंकारवश बनवाया था और वह ग़लत था।

tejaswi yadav
अपने फेसबुक वाल पर श्री तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा..

शराबबंदी कानून में संशोधन थाना की कमाई का खुला जरिया बनेगा….पहले शराबबंदी से कोई कॉम्प्रोमाइज नहीं करने की बात कहते थे, अब छूट दे रहे हैं, मुख्यमंत्री बिहार में शराब को कल रेगुलर भी कर सकते हैं।

हम जानना चाहते है इस संशोधन में पहले से गिरफ़्तार 1 लाख 40 हज़ारों लोगों के भविष्य साथ क्या होगा? मुख्यमंत्री जी, प्रधानमंत्री बनने के फेर में लागू किए शराबबंदी क़ानून से तबाह हुए परिवारों के बारे में आपने क्या सोचा?

मुख्यमंत्री जी बतायें गिरफ़्तार लोगों में 90 फ़ीसदी लोग दलित, अतिपिछड़े और पिछड़े वर्गों के ही क्यों है? आपकी पुलिस अमीरों को गिरफ़्तार नहीं करती या फिर अमीर शराब नहीं पीते?

मुख्यमंत्री का कहना है कि शराबबंदी का विरोध करने वाले लोग दलित विरोधी हैं तो 1 लाख से अधिक लोगों को गलत कानून बनाकर जेल में ठूंसने वाले क्या दलित हितैषी हैं?

मुख्यमंत्री जी ने ज़ोर-शोर से नीरा से लाखों लोगों को रोज़गार देने की बात कही थी। सरकार बतायें नीरा से अबतक कितने लोगों रोज़गार मिला।

ताड़ी तोड़ने वाले ग़रीब पासी जाति के लोगों के पेट पर सरकार ने लात मारी लेकिन अभी तक किसी वैकल्पिक रोज़गार की कोई व्यवस्था नहीं की?

कितने अखबारो में रिपोर्ट्स छपी कि बेरोजगार युवा और स्कूली छात्र स्कूली बैगों में शराब तस्करी करते है।

अभी तीन-चार दिन पहले ही रिपोर्ट पढ़ रहा था जिसमें वर्णित था कि अब पटना विश्वविद्यालय की लड़कियाँ भी धन अर्जन करने के लिए शराब तस्करी करने लगी है।

मुख्यमंत्री जी, बार-बार आप दोहराते है कि महिलाओं ने आपको कहा था, शराब बंद कर दो और आपने कर दी।

लेकिन आप ये भी बताइये क्या महिलाओं ने यह भी कहा था कि उनके पति समेत पूरे परिवार को हज़ारों और लाखों के जुर्माने के साथ जेल में बंद कर दो। बताइये मुख्यमंत्री जी?

क्या महिलाओं ने यह भी कहा था कि आप ऐसा पुलिसिया तंत्र बनाना जिसमें पुलिस वाला शराब माफ़िया से मिलकर 10 ट्रक शराब की तस्करी करवाएगा और एक ट्रक की ज़ब्ती दिखायेगा ताकि आप उसको शाबाशी दे सके।

आँकड़े बताते है कि शराबबंदी में अब तक 1.40 लाख लोग गिरफ़्तार हुए है। लेकिन यह बतायें इनके अनुपात में कितने प्रशासनिक अधिकारी बर्खास्त हुए है? क्या कोई SP, DIG, IG स्सपेंड हुआ?

अगर शराबबंदी के दो साल बाद भी शराब पीने वाला दोषी है तो क्या उसी जुर्म में पुलिस अधिकारी बराबर के भागीदार नहीं है? दो वर्ष बाद भी बिहार में करोड़ों लीटर शराब बरामद हो रही है। यह कहाँ से आ रही है? किस सिंडिकेट से आ रही है?

मान लीजिए पटना में हरियाणा की शराब बरामद हुई है। अब पटना में यह शराब किसी ने Air Drop तो की नहीं है। शराब पटना पहुँचाने के लिए तस्कर बिहार के कम से कम 4-5 ज़िला क्रॉस करते होंगे और कम से कम 15-20 पुलिस थाने।

अब क्या आपके चारों-पाँचों जिलों के SP और सभी थानों की पुलिस नाकारा है जो तस्कर सभी की आँखों में धूल झोंक देते है।

विधानसभा में भी ब्रेथ एनालाइजर से जांच होः शराब माफ़िया के सिंडिकेट को समझिए मुख्यमंत्री जी। शराब तस्करी में गिरफ़्तार अधिकांश लोग जदयू और भाजपा के ही क्यों है? क्या यह RCP model का कमाल है? RCP मॉडल मतलब Roj Chahiye Paisa??

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