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    Sunday, November 24, 2024
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      अपनी हक हकूक की जंग लड़ेगी नवगठित ‘हिलसा आंचलिक पत्रकार’

      नालंदा जिला के हिलसा अनुमंडल में विभिन्न समाचार माध्यमों से जुड़े पत्रकारों की समस्याओं के निराकरण उनके अंदर विश्वास की भावना जागृत करने, उनके बीच संगठनात्मक एकता तथा पत्रकारों के हक हकूक की लड़ाई लड़ने को लेकर पहली बार ‘हिलसा आंचलिक पत्रकार ‘ का गठन किया गया।“

      young journalism hilsa subdivision patrakar 1एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (संवाददाता)। नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल के चंडी में पत्रकार संजीत कुमार के आवास पर हिलसा अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों-अंचलों से आए दर्जन भर पत्रकारों की बैठक की गई। 

      पत्रकारों ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि आज पत्रकार एकता का मौका मिल रहा है। इस बैठक की अध्यक्षता पत्रकार विनय भूषण पांडेय ने की।

      उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारों में एकता की अलख जगनी चाहिए। पत्रकार प्रतिपल विरोध, प्रताड़ना और जीवनान्त के भय से ग्रस्त रहता है।

      पत्रकार संजीत कुमार ने कहा कि पत्रकारों के लिए कई संगठन बनता है लेकिन सभी संगठन स्वार्थ में खत्म हो जाता है।

      पत्रकार धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि पत्रकारों की एकता समय की जरूरत है। हम किसी भी मीडिया संस्थान में रहे हमलोगों के बीच राग द्वेष, मनमुटाव की भावना नहीं आनी चाहिए।

      पत्रकार अजनबी भारती और लोकेश नाथ ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि हम शपथ लेते हैं कि पत्रकारों की एकता और एकजुटता के लिए काम करेंगे ।

      पत्रकार सोनू ने कहा कि आंचलिक पत्रकार की महता और भूमिका से कोई इंकार नहीं कर सकता है। आंचलिक पत्रकार मीडिया की जान है।

      पत्रकार सरफराज हुसैन ने पत्रकार और पत्रकारिता पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि  कई पत्रकार संगठन आए और गए। कोई भी संगठन बनाने के पीछे कुछ कारण होते हैं, उनमें कही कही स्वार्थ भी होता है। लेकिन आज हिलसा आंचलिक पत्रकार के गठन के पीछे हमसब का कोई स्वार्थ नहीं है। हम पत्रकार समुदाय की एकता चाहते हैं। हम आने वाले पत्रकार पीढ़ियों के लिए नजीर बने, ताकि लोग समझें कि पत्रकारिता किसे कहते हैं। भले ही हम कम हों, लेकिन जब सब इकठ्ठे हो जाएं तो ताकत बन जाएं।

      पत्रकार जयप्रकाश नवीन ने कहा कि कहने को तो पत्रकारों की रक्षा के लिए कई पत्रकार संगठन जन्म लेते है, लेकिन जब जब भी आंचलिक पत्रकारों पर हमला या उसे घेरने के लिए कोई चक्र व्यूह रचा जाता है तो एकजुटता का ढोल पीटने वाले संगठन उसके साथ आगे आने का दम ही नहीं दिखा पाते हैं। कुछ पत्रकार ऐसे संगठन के सहारे अपने हित साधने के लिए आगे आ जाते हैं।

      श्री नवीन ने कहा कि हमें इन सब से दूर रहना है। हमें पत्रकारों के हक हकूक की लड़ाई के लिए तत्पर रहना चाहिए।

      ‘हिलसा आंचलिक पत्रकार’ के गठन में पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की गई। साथ ही उनमें एकजुटता बनाए रखने पर विशेष बल देते हुए चर्चा हुई कि पिछले पत्रकार संगठनों से सीख लेनी की जरूरत है। हमें उनकी तरह स्वार्थ लोलुपता और दुम दबाउ प्रवृत्ति में काम नहीं करना है।

      इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के असहयोगात्मक रवैये पर भी चर्चा की गई ।

      बैठक में  कई पत्रकार अपने निजी कार्य की वजह से शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने विडियो कॉलिंग के माध्यम से अपने विचार रखें तथा अगली बैठक में शामिल होने की स्वीकृति दी।

      बैठक में निर्णय लिया गया कि हिलसा आंचलिक पत्रकार सदस्यों के विचार विर्मश के बाद बैठक पर आगे की रणनीति तय की जाएगी ।

      इस बैठक में पत्रकार चंद्रकांत सिंह, अशोक पांडेय, पवन कुमार, आशीष कुमार आदि भी शामिल हुए।

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