“पूर्व विधायक रामचरित्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में शरद समर्थक शहर के काली स्थान से ढनढन चौक तक विरोध मार्च किया। इस दौरान केन्द्र और राज्य सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।”
हिलसा (चन्द्रकांत)। शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता की बर्खास्तगी के विरोध में सड़क पर उतरे जदयू (शरद गुट) केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ न केवल नारेबाजी की, बल्कि दोंनो का पुतला भी फूंका।
ढनढन चौक (सिनेमा मोड़) पहुंचते ही शरद समर्थक अपने हाथ में लिए पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार का पुतला दहन किया।
इससे पहले विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे हिलसा के पूर्व विधायक रामचरित्र प्रसाद सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा शरद गुट को असली जदयू की मान्यता नहीं दी गयी।
आयोग के निर्णय को आधार मान सभापति द्वारा शरद यादव एवं अली अनवर को राज्य सभा की सदस्यता से बर्खास्त करना लोकतंत्र की हत्या है। ऐसा इसलिए कि शरद यादव की पार्टी की ही तीर चिन्ह पूर्व में था, जिसमें नीतीश कुमार का समता पार्टी का विलय हुआ था।
वर्ष 2015 में जदयू और राजद महागठबंधन बनाकर बिहार में विधान सभा का चुनाव लड़ा था। चुनावी परिणाम में जदयू को इकहत्तर और राजद को अस्सी सीटें मिली तो बिहार में भाजपा के विरोध हुकूमत बनाया गया।
पूर्व विधायक श्री सिंह ने कहा कि बीस माह बाद ही नीतीश कुमार स्वार्थहित में महागठबंधन तोड़ भाजपा से हाथ मिलाकर न केवल जनादेश का अपमान किया बल्कि सत्तासीन भी हो गए।
उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति सिर्फ बिहार में ही नहीं सम्पूर्ण भारत में अपनाने की परम्परा चल पड़ी है, जो लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
पूर्व विधायक श्री सिंह ने आमजनों से स्वार्थहित में नेताओं द्वारा शुरु किए गए परम्परा को रोकने के लिए एकजुट होकर किए जा रहे संघर्ष में सहयोग का आवाह्न किया।
इस मौके पर जदयू (शरद गुट) के सुखदेव यादव, नवल किशोर यादव, अर्जुन प्रसाद यादव, उदय कुमार यादव आदि मौजूद थे।