एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (राम विलास)। जीवन सुधारने के लिए विपश्यना आवश्यक है। इसे एशिया महादेश के अलावे यूरोप और अमेरिका में भी अपनाया जा रहा है। इससे मनुष्य के मन और मिजाज को एकाग्र बनाया जा सकता है। चंचलता, अपराध और आतंकवाद पर नियंत्रण पाया जा सकता है ।
उक्त बातें नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डा भिक्षु धम्मा ज्योति ने महाविहार में आयोजित सेमिनार के आखिरी दिन कही।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के कारागारों में विपश्यना कराई जाती है। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तिहाड़ जेल में विपश्यना की व्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि देश के सभी कारागारो और स्कूलों में विपश्यना की व्यवस्था लागू किया जाना चाहिए। इससे कैदियों में परिवर्तन होगा।
उनमें अपराध और आतंक करने की प्रवृत्ति में बदलाव आएगा । स्कूलों में विपश्यना करने से स्कूली बच्चों की चंचलता घटेगी और एकाग्रता बढेगी।
उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा शुरू की गयी विपश्यना से चित में शांति आती है। इसका शुभारंभ बुद्ध की ज्ञान भूमि गया से हुआ था। लेकिन वर्तमान में यह यहां विलुप्त सा है। इसे एशिया के अनेक देशों के अलावे दुनिया के बौद्ध देशों में अपनाया गया है ।