“साल 2006 में बतौर उर्दू अनुवादक उन्होंने अपना योगदान दिया था, उसके बाद से वह गायब था। पुनः सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ज्वाइन करने चाकुलिया प्रखंड कार्यालय पहुंचा। उसे देखकर हर कोई हैरान-परेशान नजर आया…..”
साल 2006 में चाकुलिया प्रखंड में बतौर उर्दू अनुवादक उन्होंने अपना योगदान दिया था, उसके बाद से वह गायब था।
पुनः सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले ज्वाइन करने चाकुलिया प्रखंड कार्यालय पहुंचा। उसे देखकर हर कोई हैरान-परेशान नजर आया।
गुमशुदगी के संबंध में पूछने पर ईस्माइल ने बताया कि अस्वस्थता के कारण वे कार्यालय नहीं आ रहे थे।
इस संबंध में प्रधान लिपिक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। राजभाषा विभाग से पत्राचार कर दिशा निर्देश लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं बीडीओ से इस संदर्भ में बात नहीं हो सकी।