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    Sunday, November 24, 2024
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      सीबीआई कोर्ट के जज सही हैं या जालौन के जिलाधिकारी?

      डीएम भेजेंगे शिवपाल सिंह सहित कई्र को कानूनी नोटिश, जज के खिलाफ जरुरत पड़ेगी तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

      -: विनायक विजेता :-

      JALAUN DMपटना/ रांची। एक ओर आज जहां सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाघीश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा मोर्चा खोले जाने का मामला चर्चा में है, वहीं युपी के जालौन के युवा जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर ने चारा घोटाले की सुनवाई कर रहे रांची सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

      शुक्रवार को देर शाम  फोन (9454417548) पर बातचीत के क्रम में जिलाधिकारी पहले तो कुछ बोलने से हिचके पर जब हमने उनसे कहा कि सच लिखने में हमारा पोर्टल न तो न्यायपालिका से डरता है न कार्यपालिका से, तब उन्होंने भावविह्ल और व्यथित मन से कहा कि ‘उन्होंने आज तक कभी माननीय जज शिवपाल सिंह के पास लालू प्रसाद की पैरवी के लिए फोन नहीं किया।

      उन्होंने बताया कि जालौन जिले के निवासी माननीय जज साहब का जमीन का मामला पूर्व से ही चला आ रहा है। उन्होंने 10 सितम्बर 2017 को जालौन के जिलाधिकारी के रुप में पदभार ग्रहण किया है।

      जज साहब ने जमीन के मामले में उनसे जरुर बात की है पर मैंने न तो अब तक उन्हें कानून सिखकर आने की बात कही और न ही लालू प्रसाद की कोई पैरवी की है।

      उन्होनें सीबीआई जज को चुनौती देते हुए कहा कि अगर मैंने उनसे लालू यादव की कोई पैरवी की थी तो उन्होंने हम पर कोई कार्यवाई क्यों नहीं की या रांची के उच्चतम न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट को हमारे विरुद्ध शिकायत क्यों नहीं की। जबकि यह करना उनके क्षेत्राधिकार में आता था।’

      उन्होंने यह भी कहा कि ‘न तो लालू प्रसाद हमारे रिश्तेदार हैं न ही मानीय जज शिवपाल सिंह मैं क्यूं लालू प्रसाद की पैरवी के लिए फोन करुंगा।‘

      उन्होंने कहा कि ‘बोलना तो नहीं चाहता पर माननीय जज एक तीर से दो शिकार कर रहे हैं। एक तो वह इस चर्चित मामले में लालू प्रसाद को सजा देकर खुद चर्चा में आना चाह रहे हैं और दूसरा चूकि हमने या जालौन प्रशासन ने जमीन मामले में उनकी कोई गलत मदद करने से इनकार कर दिया, इसलिए वह लालू प्रसाद के बहाने इस मामले में हमें और हमारे एसडीएम को पैरवी करने की बात कह प्रशासनिक अमले को बदनाम करने की कोशिश कर रहें हैं जिससे हमें कोई फर्क नहीं पडता।’

      उन्होंने कहा कि ‘कार्यपालिका न्यायपालिका का हमेशा सम्मान करती रही है पर मैं माननीय जज साहब के इस तरह के बयान से काफी व्यथित हूं। अब उन्हे जवाब देना पडेगा। सच्चाई से न मैं पीछे हटूंगा न ही ट्रासंफर और सेटिंग पोस्टिंग से डरुंगा। मैं इस मामले को लेकर माननीय जज साहब सहित बिना मेरा पक्ष लिए उन पत्रकारों और अखबारों के खिलाफ भी कानूनी नोटिस भेज रहा हूं, जिन्होंने मुझे बदनाम करने की कोशिश की है। इसके लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट सहित कहीं जाना पड़ा तो मैं जाऊंगा।‘

      अब सवाल यह उठ रहा है कि माननीय जज शिवपाल सिंह सही हैं या जिलाधिकारी?

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