“राजगीर महोत्सव-2018 का सुंदर आकर्षक सुसज्जित मंच और उसी मंच से बिहार के सीएम नीतीश कुमार रिमोट दबाकर इस शौचालय का उदघाटन करते हैं। हज़ारो तालियां बजती है और कहा जाता है कि पर्यटकों के लिए एक बड़ा सौगात हैं ये शौचालय……”
सार्वजनिक उपक्रम की कम्पनी पावर ग्रिड द्वारा अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन के लिए 4लाख 26 हज़ार रुपये से यह शौचालय बनाया गया।
इस शौचालय का निर्माण डूडा नालन्दा ने किया। लेकिन आज भी इसमें लटक रहे ताले जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की संवेदनहीनता को दर्शाता है
नगर पंचायत कार्यालय और अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर की ओर जाने वाली सड़क पर का यह शौचालय प्रतिदिन अधिकारियों को दिखता होगा। लेकिन उन्हें फुरसत कहाँ है कि मामूली लाख से बने शौचालय का ताला खुलवाते फिरें।
यह हालत तो तब है, जब इसका उद्घाटन बिहार के मुखिया खुद अपने कर कमलों से किये हैं। महोत्सव के उदघाटन के दिन इस शौचालय पर फूल माले लटकाए गए थे और उस दिन के बाद सिर्फ इस पर ताले लटके नज़र आए।
वार्ड क्षेत्र की पार्षद मीरा कुमारी, जो सत्ताधारी दल की जदयू प्रखण्ड अध्यक्ष भी है, उनसे कहकर स्थानीय लोगों ने कई बार इसको खुलवाना चाहा, लेकिन सत्ताधारी नेताओं को भी इतनी फुरसत कहाँ।
समाचार लिखने के वक्त सैकड़ो तीर्थयात्री इस जगह मौजूद थे, जो शौच के लिए वैतरणी रोड में खुले में जाते दिखे।