Home देश सरकार पर अवैध दबाव की नियत से हड़ताल पर गए बिहार के...

सरकार पर अवैध दबाव की नियत से हड़ताल पर गए बिहार के 1200 जेईई

0

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। अजीब हालात हैं बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा में। कुछ महीना पहले हिसला के सीओ की निगरानी विभाग ने रंगे दबोचते ही समूचे जिले के प्रायः सीओ-बीडीओ अपना काम धाम छोड़ कर बिहार शरीफ मुख्यालय पहुंच गये और बाद में अघोषित हड़ताल पर चल गये।

अब वही आलम नगरनौसा जेईई की रात अंधेरे सुदूर गांव के ग्रामीणों द्वारा हुई पिटाई के मामले को लेकर दिख रहा है। सरकार और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेनी चाहिये, क्योंकि यह ऐसी परंपरा कभी भी सुशासन के अंग नहीं हो सकते।NAGARNAUSA JE CRIME 3

खबर है कि नालंदा के नगरनौसा प्रखंड के भदरूडीह में पिछले दिनों कथित बिजली चेकिंग या वसूली करने गए विभागीय जेई की ग्रामीणों द्वारा मवेशी चोर समझकर हुई पिटाई का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।

ग्रामीणों की पिटाई से नगरनौसा के जेईई रंजन कुमार का सिर फट गया था। जिसका इलाज नगरनौसा अस्पताल में कराया गया।   इस घटना को लेकर दूसरे दिन नालंदा के सभी जेईई और बिजली कर्मचारी सुरक्षा मुहैया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नालंदा समहारणालय पर प्रदर्शन कर चुके हैं।

घटना के बाद हिलसा एसडीपीओ ने भी गाँव जाकर घटना की जांच की। अब जेईई की पिटाई को लेकर अब राज्य के सभी 1200 जेईई मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं।

सोमवार को पटना में पावर जूनियर एसोसिएशन के महासचिव उपेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि शनिवार को संघ की एक आपात बैठक में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी 48 घंटे के अंदर करने की मांग रखी थी। लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

इस संबंध में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन के महाप्रबंधक आर लक्ष्मण को एक ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें राज्य के सभी जेईई द्वारा मंगलवार से हड़ताल पर जाने की बात कही गई है। जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक उनका हड़ताल जारी रखने की बात कही गई है।

जाहिर है राज्य के सभी 1200 जेईई के हड़ताल पर चलें जाने से बिहार की बिजली आपूर्ति और कामकाज प्रभावित हो सकता है।

दरअसल, अब कर्मचारी संगठनें शासन-प्रशासन दबाव बनाने का एक जरिया बनता दिख रहा है। जब जेईई की पिटाई और ग्रामीणों के आरोप की जांच पुलिस तत्परता कर रही है तो फिर ऐसे में हड़ताल पर जाने का औचित्य क्या रह जाता है?

इस सबाल से बड़ी समस्या यह है कि यदि पुलिस-प्रशासन किसी संगठन के दबाव में ग्रामीणों पर एकतरफा जबरिया कार्रवाई करती है तो स्थिति बिगड़ सकती है।

ग्रामीण भी बिजली विभाग के कर्मियों के आचरण से काफी क्षुब्ध रहे हैं। यह कोई एक गांव की बात नहीं है। हरेक गांवों में भी आक्रोश का समान आलम है। जिसकी प्रतिक्रिया को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

नगरनौसा जेई की पिटाई और ग्रमीणों के आरोप के बीच नालंदा में कड़वा सच है यह

अवैध वसूली से तंग ग्रामीणों ने चोर समझ की है नगरनौसा जेई की पिटाई !

रात में मीटर चेक करने गये नगरनौसा जेई को ग्रामीणों ने पीटा, गंभीर हालत में पटना रेफर

error: Content is protected !!
Exit mobile version