पटना। झारखंड की राजधानी रांची में जेल बंद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बड़ी बहन गंगोत्री देवी की रविवार की सुबह मौत हो गई है। लालू प्रसाद के जेल जाने की सूचना मिलने के बाद से ही वो परेशान चल रही थी।
शनिवार को उन्होंने लालू प्रसाद की शीघ्र रिहाई के लिए उपवास भी किया था। लेकिन, शनिवार की शाम लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा की सूचना मिलने के बाद से वो सदमे में थी। किसी से कुछ बात नहीं कर रही थी। परिवार के लोगों का कहना है कि भाई की जेल की सूचना के सदमे में उनकी मौत हो गई।
गंगोत्री देवी पिछले कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार चल रही थी। रविवार की सुबह उनकी मौत हो गई। मौत की सूचना मिलने के साथ ही लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी अपने दोनों लड़कों तेजस्वी और तेजप्रताप के साथ अन्तिम दर्शन के लिए वेटनरी कॉलेज के सर्वेंट क्वार्टर पहुंच गई हैं।
राबड़ी देवी अपनी नंद का शव देख आंसू नहीं रोक पाई और काफी देर तक रोती रहीं। तेजस्वी और तेजप्रताप भी बुआ को अंतिम विदाई देते हुए रोने लगे। दोनों ने बुआ के शव पर शाल भी उड़ाई। गंगोत्री देवी अपने बच्चों के साथ यहां पर ही रहती थी।
गंगोत्री देवी लालू प्रसाद के छह भाई बहनों में इकलौती बहन थी। लालू प्रसाद से ये सबसे ज्यादा जुड़ी हुई थी। लालू प्रसाद की बहन अपने भाई को रात में नींद से जगने पर भी याद किया करती थी। अपने बेटे बैरिस्टर यादव से लालू के बारे में पूछती थी। कभी-कभी वह लालू प्रसाद से बात करने की भी जिद किया करती थी।
गंगोत्री देवी को ये विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका भाई जेल में है। वह कहती थी कि मेरा भाई तो बिहार सरकार है। वह तो दरभंगा महाराज से भी बड़ा आदमी है। फिर उसे जेल कैसे हो सकता है।
गंगोत्री देवी ने गुजरे समय को याद करते हुए कहा था कि लालू गरीब का बच्चा है। आज लोग उसे चारा चोर कह रहे हैं। वे ऐसा नहीं कर सकता। साग पात खाकर हमलोगों का समय गुजरा।
बाबूजी के पास कुछ नहीं था। इसलिए हम लोग बड़ा सोचते भी नहीं थे। लालू अक्सर बड़ी-बड़ी बात किया करते थे। हमलोग उसकी बात सुनकर हंसते थे। समय बदला और वह सीएम बन गया।
गांव के बड़े लोगों से जो पैसा मिलता था, लालू ने उससे पढ़ाई की। उसका पढ़ने में बहुत मन तो नहीं लगता था, लेकिन स्कूल हर दिन जाता था। स्कूल में नंबर कम आने पर भी वह निराश नहीं होता था, वह अपने अंदाज में उसका विश्लेषण कर लोगों को हंसाया करता था।
लालू को अपने घर-परिवार की बड़ी चिंता रहती थी। खाने के लिए कहीं कुछ अच्छा मिल जाता तो वह उसे घर लेकर आता ताकि घर के सारे लोग खा सकें।
गंगोत्री देवी ने अपनी एक पुरानी बात को शेयर करते हुए कहा था कि मेरी शादी के भोज में मिठाई की व्यवस्था करने में परेशानी हो रही थी। घर के लोग मिठाई को छोड़ देना चाहते थे, लेकिन लालू चाहते थे कि खाने में मिठाई की भी व्यवस्था हो। इसके लिए लालू ने गांव के बड़े लोगों से मिलकर इसकी व्यवस्था करायी थी।
गंगोत्री देवी ने कहा था कि जो आदमी सबका इतना ख्याल रखता है वह कैसे कोई घोटाला कर सकता है। मेरे भाई से उनके दोस्त लोग ही जला करते थे, इसलिए उन लोगों ने उसे फंसा दिया है। (भास्कर)