“नालंदा थानाध्यक्ष प्रभा कुमारी और सिलाव थानाध्यक्ष राजेश कुमार चैधरी दल बल के साथ सोमवार को प्रतिमा वरामद करने गयो थे. लेकिन ग्रामीणों के आगे उनका प्रयास सफल नहीं हो सका.”
नालंदा (राम बिलास)। शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदने के दौरान काले पत्थर की वेशकिमती प्रतिमा मिली है. ग्रामीण इस प्रतिमा को शिवालय में स्थापित कर पूजा अर्चना कर रहे हैं. जमीन से निकली इस वेशकिमती प्रतिमा को वरामद करने में दूसरे दिन भी पुलिस को सफलता नहीं मिली है. ग्रामीणों खासकर महिलाओं के भारी विरोध के कारण सोमवार को भी नालंदा और सिलाव थाने की पुलिस को खाली हाथ लौटना पडा.
मिली जानकारी के अनूसार नालंदा थाना क्षेत्र के सकरौढ़ा गांव में शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदने के दौरान काले पत्थर की वेशकिमती प्रतिमा रविवार को मिली है.
बताया जाता है कि फुलन देवी नाम की महिला अपनी जमीन पर शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोद रही थी. इसी दौरान यह प्रतिमा मिली है. शौचालय निर्माण के दौरान पुरानी पत्थर की मूर्ति मिलने की खबर गांव जेबार में जंगल की आग की तरह फैल गयी.
खबर पाकर नालंदा थाना पुलिस और नूरसराय के अंचलाधिकारी उदय कुमार भी सकरौढ़ा पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को समझानें की कोशिश की लेकिन ग्रामीण अधिकारियों की सुनने को तैयार नहीं हैं. वे अपनी जिद पी अड़े हैं. पुलिस द्वारा मूर्ति वरामद करने का कोषिश किया गया लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण वह सफल नहीं हो सकी.
कुछ ग्रामीणों का मानना है कि मूर्ति तस्कर द्वारा उस स्थान पर मूर्ति छिपाया गया होगा. इसीलिए करीब एक फीट की खुदाई में ही प्रतिमा मिल गयी. प्रतिमा मिलने के बाद ग्रामीण उसे षिवालय में रखकर पूजा अर्चना करने में जूटे हैं. प्रतिमा देखने वालों और पूजा करने वालों की भारी भीड़ गली है. प्रतिमा पर ग्रामीण फूल-माला, प्रसाद और रूपये पैसे भी चढ़ा रहे हैं. मंदिर के पास ग्रामीण भजन कीर्तन कर रहे हैं.
पुलिस ने प्रतिमा की सुरक्षा के लिए पांच ग्रामीणों को दायित्व सौंपना चाहती थी. इस दायित्व को लेने से भी ग्रामीणें ने इनकार कर दिया. पुरातत्व विभाग का कोई प्रतिनिधि अबतक सकरौढ़ा नहीं पहुंचा है.