एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (अंजुम आलम)। बिहार के जमुई जिले का गौरव सदर अस्पताल,जहाँ दस प्रखंडों से मरीज़ पहुंचते हैं। वहां मरीज़ों के साथ अस्पतालकर्मियों के द्वारा लापरवाही बरती जाती है।
कड़ाके की ठंड में कम्बल तो दूर कई बेडों पर बेडशीट भी नहीं दिया जाता है। सभी मरीज़ अपने घर से ही चादर और कम्बल ले कर आते हैं। वैसी जगह जहाँ की सरकार द्वारा मरीजों के लिए कई सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।
फिर भी सरकार की सभी सुविधाओं को अस्पताल कर्मियों द्वारा सिमट कर ताख पर रख दिया जाता है।इस लापरवाही को अस्पताल में कोई देखने वाला नहीं है।
बताते चलें कि शुक्रवार की रात्रि लगभग 9 बजे सदर अस्पताल के कर्मियों द्वारा लापरवाही की सारी हदें पार कर दी गई। बीच रास्ते पर गंदगी भरे स्ट्रेचर जो कई घंटे रहने के बाद भी अस्पताल प्रबंधक को इसकी भनक भी नहीं लगी।
हुआ यूं कि सड़क दुर्घटना से जख्मी एक युवक को चिकित्सक ने पटना रेफर किया था, उसे स्ट्रेचर के द्वारा गेट के बाहर लाया गया और फिर लगे एम्बुलेंस पर युवक को लाद कर कर पटना भेज दिया गया तथा गंदगी लगे स्ट्रेचर को बीच रास्ते पर ही गेट के सामने छोड़ कर अस्पताल कर्मी चले गए।
झाझा से आई शबनम खातून ने बताया कि प्रसूता को लेकर सदर अस्पताल में आने के बाद जब रहने के लिए बेड के बारे में पूछने पर अस्पताल के नर्स ने बोला कि यहाँ पर बेड खाली है, जिस पर चाहें वहाँ रह सकती हैं। बेड पर न चादर दिया गया और न ही कम्बल।
शबनम खातून कहती है कि अपने घर से लाया गया चादर और कम्बल इस्तेमाल कर रही हूँ। वहीं प्रसूता को लेकर आये दिवाकर मंडल ने भी कहा कि मुझे भी बेड पर न चादर दिया गया और न ही ओढ़ने के लिए कम्बल।
खाना में भी बरती जाती है कोताही…
20 दिनों से रह रही गिद्धौर के गोबिंदपुर गाँव निवासी गुंजा देवी ने बताया कि अस्पताल में खाना तो दिया जाता है लेकिन अच्छा खाना नहीं दिया जाता।दूध थोड़ा सा दिया जाता है वो भी दूध की मात्रा कम और पानी की मात्रा अधिक होती है।
15 दिनों से रह रहे टहवा गाँव निवासी जितेंद्र यादव ने भी बताया कि जितना दूध देनी चाहिए उतना नहीं दिया जाता है और साथ ही दूध में पानी अधिक रहने की वजह से पिया नहीं जाता जिससे दूध फेंक देते हैं।
इसकी शिकायत कई बार यहाँ के कर्मियों से की लेकिन कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए। अब मुझे पता नहीं कि किसके पास जा कर शिकायत किया जाए।
सदर अस्पताल जमुई के सिविल सर्जन श्याम मोहन दास से इस मामले में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अस्पताल में बेडशीट और कम्बल की कमी नहीं है,सभी मरीजों को कम्बल और बेडशीट दिया जाता है।
अगर किसी को बेडशीट और कम्बल नहीं दिया गया है तो हम खुद ही सुबह में जाँच कर करवाई करेंगे। खाने में कोताही बरतने को लेकर उन्होंने बताया कि खाने की जाँच की जाएगी और अगर इसमे दोषी पाया गया तो उसपर भी करवाई की जाएगी।
सूत्रों की माने तो सदर अस्पताल के कैंटीन में हमेशा लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं सूत्र बताते हैं कि मरीजों के लिए जो मच्छरदानी और कम्बल, बेडशीट वगैरह आता है, उसे अस्पताल कर्मी अपने थैले में रख कर हमेशा घर ले कर चले जाते हैं। मरीजों के सामानों का इस्तेमाल कर्मी अपने घर मे करते हैं