“पहले तो सीएम की सुरक्षा में लगे कर्मी-अफसर श्री लक्ष्मण अग्रवाल को अपनी बात रखने से रोकने का हरसंभव प्रयास किया। लेकिन श्री अग्रवाल ने राजगीर में अतिक्रमण और उस पर प्रशासनिक सांठगांठ-लापरवाही की जानकारी दे ही डाली।”
राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। पिछले 15 वर्षों से सीएम की कुर्सी पर काबिज नीतिश कुमार पहली बार राजगीर मलमास मेला का अपने कर-कमलों से आगाज करने पहुंचे। इस दौरान उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर खुल कर विचार रखे।
लेकिन, वहां कईयों को राजगीर में प्रशासनिक सांठगांठ से हुई या हो रही सरकारी भूमि के अतिक्रमण की कोई चर्चा नहीं किया जाना काफी दिखी। इसी बीच जब सीएम नीतिश कुमार कार्यक्रम स्थल से वापस लौटने लगे तो समाजसेवी लक्षमण अग्रवाल ने राह चलते ही सही, इस मुद्दे को सीएम के समक्ष उठा दिया।
शिकायत कर्ता लक्षमण अग्रवाल की बातों को सीएम नीतिश कुमार ने काफी गंभीरता से सुना और बगल में खड़े नालंदा के डीएम को सब कुछ देख लेने के निर्देश दिये। डीएम ने भी ऐसे मामलों को देख लेने की फौरिक हामी भरी।
इस संबंध में मामले की जानकारी देते हुये समाजसेवी लक्षमण अग्रवाल ने बताया कि भू-माफियाओं, अतिक्रमणकारियों द्वारा प्रशासनिक-सफेदपोशों की मिलीभगत से राजगीर की मनोरम वादियों को तहस-नहस किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राजगीर मलमास मेला के चिन्हित व दोषी लोग प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश पर दर्ज एफआईआर के बाबजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस हाथ पर हाथ रख दोषियों को बचाने में जुटी है। इससे राजगीर के सौन्दर्य-संपदा को लुटने-हड़पने वालों का हौसला बुंलद है।
उन्होंने बताया कि पंडितपुर देवी स्थान के खाता-186 औऱ प्लॉट संख्या-1031 की भूमि को हड़पा जा रहा है। इसमें स्थानीय सीओ की भूमिका काफी संदिग्ध है। शिकायत करने पर कहीं से कोई जांच-कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां ऐसे दर्जनों मामले हैं।
बहरहाल, देखना है कि एक समाजसेवी की जानकारी-शिकायत के बाद सीएम के निर्देश पर ‘देख लेने’ की हामी भरने वाले नालंदा डीएम इस मामले में क्या एक्शन लेते हैं। ऐतिहासिक पर्यटन नगरी राजगीर को लेकर अब तक जिला-प्रशासन का जिस तरह के रवैया सामने आये हैं, वे अब तक नकारात्मकता ही अधिक उजागर करने वाले रहे हैं।