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यूं नष्ट कर रहें हैं भारतीय धरोहर, पुरातत्व विभाग की कंप्लेन पर पंगु बनी है पुलिस

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“नालंदा जिले के पुरातन नगरी राजगृह यानि राजगीर के प्राचीन धरोहरों को नष्ट किया जा रहा है। इसमें शासन-प्रशासन के लोग भी खुले तौर पर शामिल प्रतीत हो रहे हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि केन्द्रीय संरक्षित स्मारक-पुरास्थल वेनुवन एवं मुस्लिम स्तूपा मकबरा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नष्टीकरण कर शौचालय बनवाए जा रहे हैं और विभागीय लिखित शिकायत के बाबजूद कहीं से कोई कार्रवाई की भनक नहीं है……”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। भारतीय पुरातत्व विभाग के राजगीर उप अंचल कार्यालय संरक्षण सहायक अमरेश कुमार ने राष्ट्रीय महत्व के केन्द्रीय संरक्षित स्मारक-पुरास्थल वेनुवन एवं मुस्लिम स्तूपा मकबरा 100 मीटर के प्रतिनिषिद्ध-विनियमित क्षेत्र में राजगीर वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा जारी अवैध खनन-निर्माण की थाना में लिखित शिकायत की है।

RAJGIR ADMIN CRIME 0संरक्षण सहायक ने राजगीर थानाध्यक्ष के नाम सौंपे शिकायत पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय महत्व के केन्द्रीय संरक्षित स्मारक-पुरास्थल वेनुवन एवं मुस्लिम स्तूपा मकबरा में राजगीर वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा अवैध निर्माण-खनन कार्य किया जा रहा है।

जोकि प्राचीन स्मारक पुरास्थल एवं अवशेष अधिनियम 1958. त्तसंबंधी नियम 1959 एवं भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना संख्या-1764 दिनांक-16.06.1992 के प्रावधानों के तहत अवैध है।

ज्ञातव्य है कि उपरोक्त अधिनियम के साथ ही प्राचीन स्मारक, पुरास्थल एवं अवशेष (संसोधन एवं वैधीकरण) अधिनियम-2010 के द्वारा संरक्षित सीमा से 100 मीटर के क्षेत्र को प्रतिनिषिद्ध त्रेत्र एवं इससे परे 200 मीटर के क्षेत्र को विनियमित क्षेत्र घोषित किया गया है।

प्रतिनिषिद्ध क्षेत्र में निर्माण, खनन आदि पूर्णतः वर्जित है। जबकि विनियमित क्षेत्र में सक्षम पदाधिकारी द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर ही निर्माण, पुनर्निमाण, मरम्मत, खनन आदि कार्य किए जा सकते हैं।

उपरोक्त अधिनियम की धारा 30 (क) एवं (ख) के तहत दोषी व्यक्तियों को 2 वर्ष की कैद या 1 लाख की जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है।

संरक्षक सहायक ने दिनांकः16.01.2019 को राजगीर थानाध्यक्ष से शिकायत की बाबत त्वरित कार्रवाई करते हुए जारी कार्य को बंद कराने एवं दोषी क्षेत्रीय वेनु वन क्षेत्र पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

जबकि शिकायत की प्रति राजगीर नगर पंचायत के अध्यक्ष, नालंदा जिलाधिकारी एवं भारतीय पुर्त्तव सर्वेक्षण पटना अंचल के अधीक्षण पुरातत्वविद को भी सौंपी गई है।  

नीचे तस्वीरों में देखिए कि कैसे पुरातत्व निभाग के नियमों-अधिनियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गहरी खुदाई के साथ निर्माण कार्य हो रहे हैं….. 

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