अन्य
    Monday, December 23, 2024
    अन्य

      ‘मौत की बस’ में कारबाइड या  सिलेंडर? सस्पेंस कायम

      harnaut crime 1 harnaut crime 2 harnaut crime 3 harnaut crime 4बिहारशरीफ (ब्यूरो रिपोर्ट)। गुरुवार शाम नालंदा के हरनौत में भीषण बस अग्नि कांड के  24 घंटे बाद भी सस्पेंस बरकरार है कि उस बस में आखिर था क्या सिलेंडर या फिर कार्बाइड जिसने सात लोगों की जिंदगी को एक झटके में छीन लिया । शुक्रवार को सुबह पटना से आयी  फाॅरेंसिक जांच टीम ने जले हुए बस से कई सबूत अपने साथ इकठ्ठे कर ले गई। हालाँकि फाॅरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद भी पता चलेगा कि बस में आखिर आग किस वस्तु से लगी।

      गुरुवार को पटना से हर रोज की तरह शेखपुरा के लिए बाबा रथ नामक बस अपने निर्धारित समय से ही खुली थी।बस में 40-45 यात्री अपने एक भीषण हादसे से अंजान अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे ।किसे पता था कि बस हरनौत बाजार पहुँचते ही मौत की बस बन जाएगी ।एक झटके में कई जिंदगियां बिना  चिता पर रखे  अग्नि में जलकर स्वाहा हो जाएगी ।

      कौन जानता था जो इस हादसे में मौत से बच निकले होंगे, उनको जीवन भर इस मौत का खौफनाक मंजर बस से सफर करने को रोक दे।कई लोगों की जिंदगी मौत बनने के बाद पटना प्रशासन हरकत में आई है । नालंदा डीएम संजय अग्रवाल ने अगले आदेश तक बाबा ट्रेवेल्स की सभी वाहनों का परिचालन रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है ।

      घटना के 24 घंटे बीत चुके हैं ।बस संचालकों की लापरवाही ने कई जिंदगी लील ली।कई परिवारों पर दु:खो का पहाड़ टूट पड़ा है।तो कई को अपने को खोने का गम सालों तक सालता रहेगा ।उस मां का क्या जिनके बेटे अब इस दुनिया में नही रहे । लेकिन हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर उस बस में क्या लदा था ।जिससे इतना भयानक हादसा हुआ कि लोग निकल नही पाएँ ।

      कुछ प्रत्यक्षदर्शियो का कहना था कि बस के दरवाजे के पास फल पकाने में इस्तेमाल होने वाला कार्बाइड के कई बोरे रखें थे।जैसे ही आग लगी और आग बोरे को छू गई तो आग और भड़क उठी। पीछे के लोगों को मौका ही नही मिला कि वे बाहर निकल सकें । बस से बाहर निकलने के अफरा तफरी में कई लोग बस में ही फंसे रह गए।आग ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया ।

      कुछ लोग बताते है कि बस की छत पर सिलेंडर भी रखा हुआ था । अगर सही में सिलेंडर बस की छत पर था,तो इस भयावह अग्नि कांड में गैस सिलेंडर आग की चपेट में आया क्यों नही? अगर ऐसा होता तो स्थिति और भयावह और विकराल होती।सिलेंडर में आग लगने से बस के परखच्चे उड़ जाता ।आसपास आग का तांडव मच जाता? कितने और लोग मौत के गाल में समा जाते इसकी कल्पना करना ही भयानक है।

      दूसरी बात अगर मान लिया जाए कि बस में कारबाइड था तो क्या कार्बाइड इतना ज्वलनशील होता है कि आग लगने के बाद लोगों को मौका ही न मिले निकलने का।अगर बस में सही में शार्ट सर्किट हुआ (जैसा कि बस संचालक का कहना है।) तो क्या इस बात की संभावना नही हो सकतीं है कि बस में कारबाइड के अलावा कोई और तीव्र ज्वलनशील पदार्थ जैसे पेट्रोल या स्परिट भी होने की आशंका व्यक्त की जा सकती है।

      खैर अब जांच मामला फाॅरेंसिक जांच टीम के पास पहुँची हुई है।उसके जांच रिपोर्ट के बाद पता चलेगा कि आखिर बस में था क्या जिस वजह से चलती बस मौत की बस बन गई ।

      हरनौत बस अग्नि कांड में मृतकों की पहचान हो चुकी है जिनमें – 
      1- मालती देवी
      पति  सुबोध यादव
      अरुआरा शेखपुरा

      2 –  जयराम यादव
      पिता सरयुग यादव
      अरुआरा शेखपुरा

      3 -पिंटू कुमार
      पिता बीरेंद्र प्रसाद नई सराय बिहार शरीफ

      4 – मोना कुमारी
      पिता बीरेंद्र प्रसाद नई सराय बिहारशरीफ

      5- भोला पासवान
      पिता कपिलदेव पासवान
      पैंडीहरी शेखपुरा

      6-मुस्तार अली

      7-रोजी खातून
      नवीनगर अरियरी शेखपुरा

      मृतक मुस्तान अली और रोजी खातून रिश्ते में बाप -बेटी है।
      सभी मृतकों के परिवार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से चार -चार लाख की मुआवजा की राशि दे दी गई हैं ।

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!