“बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में 7 जुलाई, 2013 को 9 धमाके किए गए थे। जिसमें 5 लोग जख्मी हुए थे। इस मामले में छह लोगों को आरोपी बनाया गया था।”
गुरुवार को इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से बहस हुई थी। एनआईए के वकील ने कोर्ट को बताया कि आतंकियों की लोगों की हत्या की योजना थी। कई बड़े लोग निशाने पर थे।
बता दें कि 7 जुलाई 2013 को महाबोधि मंदिर और उसके आसपास 9 ब्लास्ट हुए थे। इनमें एक बौद्ध भिक्षु समेत 5 लोग जख्मी हुए थे।
5 दोषी आतंकी
- हैदर- रांची के डोरंडा का निवासी है। 2014 से बेउर जेल में बंद है। घटना का मास्टरमाइंड। बौद्ध भिक्षु बनकर दिया था विस्फोट को अंजाम।
- मुजीबुल्लाह- रांची जिले के ओरमांझी थाना के चकला गांव का निवासी। 2014 से बेउर जेल में बंद।
- इम्तियाज- रांची के ध्रुवा का निवासी। 2013 से जेल में बंद है। हैदर की मदद की थी।
- उमर- छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला। 2013 से जेल में बंद है। इसी के घर पर साजिश रची गई थी।
- अजहर- रायपुर का निवासी। 2013 से जेल में बंद। साजिश रचने में था शामिल।
गांधी मैदान ब्लास्ट में भी आरोपी
महाबोधि ब्लास्ट मामले में दोषी ठहराए गए पांचों आतंकी 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान की हुंकार रैली में ब्लास्ट में भी आरोपी हैं।
इस मामले की सुनवाई 4 जून से होगी।
इस मामले में एक आरोपी नाबालिग है। उसकी सुनवाई जेजे बोर्ड गायघाट में हुई थी। पिछले नवंबर में बोर्ड ने उसे दोषी पाते हुए तीन साल के लिए बाल संप्रेक्षण गृह भेजा था।
धमाके के पहले 5 बार की थी रेकी
इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हैदर अली ने रायपुर में रहने वाले सिमी के सदस्य उमर सिद्दीकी से संपर्क किया था। इसके लिए हैदर रायपुर गया था। वहीं, बोधगया ब्लास्ट की साजिश रची गई थी।
राजा तालाब स्थित एक मकान में हैदर का जिहाद के नाम पर ब्रेनवॉश किया गया। उसे धमाके का सामान भी वहीं दिया गया।
हैदर ने ब्लास्ट से पहले बोधगया का चार-पांच बार दौरा कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था।
हैदर और उसके साथी सिमी के सदस्य थे। हैदर ने बौद्ध भिक्षु बनकर मंदिर में प्रवेश कर विस्फोट किया था।
7 जुलाई 2013 को बोधगया स्थित बौद्ध धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल महाबोधि मंदिर में सिलसिलेवार 9 बम धमाके हुए थे।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मंदिर परिसर में रखे कई बमों को निष्क्रिय कर दिया था।
बाद में मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।
एनआईए ने जांच के बाद छह लोगों के खिलाफ 3 जून 2014 को चार्जशीट दायर की थी।