एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले उनके ही गृह जिले के इकलौते मंत्री श्रवण कुमार द्वारा अपने शपथ पत्र में भारतीय निर्वाचन आयोग से एक संगीन अपराधिक आरोप की जानकारी छुपाई थी।
पटना हाई कोर्ट में नूरसराय थाना के अजनौरा गांव निवासी कौशलेन्द्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने नालंदा विधान सभा चुनाव-2015 में निर्वाचित श्रवण कुमार, जो वेन निवासी हरि सिंह उर्फ हरि महतो के पुत्र हैं, उनके खिलाफ चुनाव वाद 7/2015 दायर कर रखा है। छोटे मुखिया पिछले चुनाव में वतौर भाजपा प्रत्याशी विजयी जदयू उम्मीदवार श्रवण कुमार के निकटतम प्रतिद्वंदी रहे हैं।
वाद में आरोप है कि श्री श्रवण कुमार ने जदयू प्रत्याशी के तौर पर नामाकंण करते समय अपने शपथ पत्र में सही जानकारी नहीं दी और खुद के द्वारा एक गंभीर अपराध के आरोप को छुपाया।
इस मामले पर जारी सम्मन के आलोक में श्री श्रवण कुमार ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि जिस अपराध की बात की जा रही है, वह मेन्टेनेबुल नहीं है।
लेकिन अधिवक्ता संजीव निकेश के अनुसार पटना हाई कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में वर्तमान मंत्री श्रवण कुमार के ‘मेन्टेनेबुल नहीं है’ तर्क को अस्वीकार कर दिया है और मामले की सुनवाई जारी रखी है।
अधिवक्ता संजीव निकेश बताते हैं कि पटना सत्र न्यायालय में तात्कालीन बिहार विधानसभा में जदयू पार्टी सचेतक श्रवण कुमार समेत चार लोगों पर एकंगरसराय थाना के पारथु गांव निवासी अविनाश कुमार मोहन ने भादवि की धारा 311, 323, 327,329, 330, 331, 341, 346, 347, 348, 389 के तहत एक संगीन परिवाद दायर कर रखा है।
इस मामले में मंत्री श्रवण कुमार फिलहाल बाजाप्ता जमानत पर चल रहे हैं। यह वाद वर्ष 2009 में दर्ज कराई गई थी, लेकिन उन्होंने अपने चुनावी नामाकंण शपथ पत्र में इस गंभीर मामले का कोई जिक्र नहीं किया।