जमशेदपुर (संवाददाता)। यह वीडियो आदित्यपुर थाने में उस हंगामें की है जिसने राजनीति को नंगा और पुलिस व्यवस्था को शर्मसार कर दिया। थाने में भाजपा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया, गालीगलौज की। पुलिसकर्मियों की पिटाई भी की गई। लेकिन सुपरविजन में गैरजमानतीय धाराएं हटा दी गईं। क्या एसपी और सुपरविजन करने वाले डीएसपी ने इस वीडियो पर गौर नहीं किया। थाने में गाली गलौज और हंगामा ! क्या सरकारी कामकाज में बाधा के दायरे में नहीं आता। क्या गैरजमानतीय धाराएं किसी प्रेशर में हटायी गई। पुलिस एसोसिएशन ने डीएसपी और एसपी की भूमिका पर गंभीर सबाल उठाये हैं और रघुवर सरकार से दोनों के खिलाफ कठोर कार्वाई करने की मांग की है।
बकौल, झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन, अपनी पोस्टिंग बचाने के लिए सरायकेला के एसपी संजीव कुमार और डीएसपी सुमित कुमार ने कानून तोड़ने वालों की मदद की। इसलिये एसपी-डीएसपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिये। जब पुलिसकर्मियों का स्वाभिमान नहीं रहेगा और मनोबल नहीं रहेगा तथा वे ही गुंडागर्दी के शिकार होंगे, तब सरकार राज्य में शांति किसके बल पर लायेगी? सीओ की गाड़ी को धक्का मारने और थाना में पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट, तोड़-फोड़ व गाली-गलौज करने की अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। दोनों प्राथमिकी गैर जमानतीय धारा के तहत दर्ज की गयी थी। थाना परिसर में आरोपियों द्वारा मारपीट किये जाने का वीडियो भी मौजूद है।
एक भुक्तभोगी थाना पुलिस अफसर का कहना है कि रात में भीड़ इन लड़कों को मार डालती। हमने भीड़ से इन्हें बचाकर लाया और इन्होंने थाने में हमारी पिटाई की। इन पर केस दर्ज किया तो अपने अफसर ने ही धमकी दी कि क्यों किया ऐसा?
एक पुलिस जवान कहता है कि जब हम ही सुरक्षित नहीं हैं तो दूसरों की रक्षा क्या खाक करेंगे? बढ़िया होता पुलिस की नौकरी में नहीं आते।
कांग्रेस नेता प्रदीप कुमार बलमुचू का कहना है कि थाना परिसर के भीतर पुलिस अफसर से लेकर सिपाही को मारने वालों को थाना से जमानत मिल जाती है। सिर्फ इसलिए क्योंकि वे मुख्यमंत्री रघुवर दास के करीबी हैं। आदिवासियों को दबाया जा रहा है। गम्हरिया अंचलाधिकारी कामिनी कौशल लकड़ा भाजपा की ही मांडर विधायक गंगोत्री कुजूर की बेटी है। फिर भी उनकी प्राथमिकी को दरकिनार कर दिया गया। ऊपर से दबाव डाल कर केस की गैर जमानती धारा को अनुसंधान के नाम पर हटा दिया गया। गम्हरिया सीओ के रिश्तेदार सुशील उरांव सहायक वन संरक्षक हैं। उनकी कार को धक्का मारा गया था। पुलिस ने कुछ नहीं किया। पुलिस खुद को इंसाफ दिलाएं।
झामुमो के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह सरायकेला विधायक चंपई सोरेन कहते हैं कि भाजपा का सुशासन यही है। भाजपा नेताओं को कुछ भी करने की छूट है, तभी तो पुलिस अफसर एवं जवानों को मारने पर भी उन लोगों को जेल नहीं भेजा जाता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास जहां तहां कहते फिरते हैं कि उनके भाई या सगे संबंधी भी गलत काम करते हैं तो पुलिस उन्हें जेल भेजे। आदित्यपुर थाना में जो कुछ हुआ, उसके आरोपी को छुड़वाने में मुख्यमंत्री की प्रत्यक्ष भूमिका है। सीएम को इसका जवाब देना होगा।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के बेटे अभिषेक और विजय सिंह ने देर रात अपने साथियों के साथ आदित्यपुर थाने में जमकर बवाल किया। शराब के नशे में धुत युवक पिकनिक मनाकर गम्हरिया से जमशेदपुर रहे थे। उनकी स्कार्पियो ने दो कार को टक्कर मारी, फिर डिवाइडर से टकराकर रुक गई। आम लोगों ने घेरा तो उलझ गए। पुलिस ने भीड़ से बचाकर आदित्यपुर थाना लाया। यहां भाजपा नेता के बेटे और साथियों ने पुलिस वालों पर ही हाथ चलाना शुरू कर दिया। तीन दारोगा, एक एएसआई और चार सिपाही घायल हो गए। सभी वर्दीधारियों ने मेडिकल कराया है। गम्हरिया सीओ कामिनी कौशल के साथ भी युवकों ने धक्का-मुक्की की। उसके बाद दारोगा भगवान पांडेय के बयान पर केस दर्ज कर लिया गया।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आदित्यपुर थाना में सभी युवक उग्र हो गए। ठोला कहकर पुलिस वालों पर हमला बोल दिया। अचानक हमला से पुलिस अफसर सकते में गए। पुलिस वालों ने युवाओं को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। एएसआई भगवान सिंह के सीने पर प्रहार किया। सिपाही अजय कुमार महिला सिपाही प्रियंका भारती को पीटा गया। तीन दारोगा, एक एएसआई चार सिपाही उनसे पिटते रहे। यातायात सिपाही को भी हल्की चोट लगी। बाद में जवानों ने उन्हें हाजत में बंद कर दिया। भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह को मालूम हुआ तो वे कुलवंत सिंह बंटी के साथ थाना पहुंचे। कुलवंत सिंह ने आदित्यपुर थानेदार जयप्रकाश राणा से पैरवी की तो उन्होंने प्राथमिकी दर्ज होने की बात कहकर मना कर दिया।