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    Sunday, November 24, 2024
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      बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड के सभी 5 सिपाही संस्पेंड, एसपी कुमार आशीष ने किया सस्पेंड

      हमारी साइट पर हुआ कैदी वार्ड में भ्रष्टाचार का सर्वप्रथम खुलासा, कई वीडियो क्लीप भी किये हैं जारी, बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड की सुरक्षा का था बुरा हाल

      nalanda sp action1बिहारशरीफ(न्यूज ब्यूरो)। अतंतः हमारी साइट पर प्रसारित खोजपरक खबरों का असर हुआ और नालंदा के एसपी कुमार आशीष ने खुद संज्ञान लेते हुये बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड की सुरक्षा में तैनात सभी पांच सिपहियों को भ्रस्टाचार के आरोप में तत्काल प्रभाव से संस्पेंड कर दिया है।

      इस कार्रवाई में नालंदा के एसएसपी ने बड़ी बारीकी और खुफियाई तरीके से सारे मामले को काफी गहराई से पड़ताल की और उनके द्वारा दोषी लोगों के खिलाफ फौरिक कार्रवाई करने में फौरिक कार्रवाई चर्चा का विषय बना गया। पांचों पुलिसकर्मियों को संस्पेड करने की कार्रवाई आज दिन करीब 11 बजे हुई है।

      कहा जाता है कि मामले की जानकारी मिलने के उपरांत कल देर रात नालंदा के एसएसपी कुमार आशीष अपने करीबी अफसरों के साथ सादे लिबास में बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड की सच्चाई जानने कुछ इस तरह से गये थे कि किसी को कोई भनक न लगे। उसके बाद वे वापस लौट आये।

      उसके बाद आज सुबह करीब दस बजे एसपी डीएसपी के साथ बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में पुनः जांज-निरीक्षण करने पहुंचे और इस क्रम में कैदी वार्ड के सभी पांच सिपाहियों को लापरवाह और भ्रषटाचार के दोषी पाते हुये निलंबित कर दिया तथा कैदी वार्ड प्रशासन को भविष्य में इस तरह के माहौल न बन पाने की कड़ी हिदायत दी।

      बता दें कि सर्वप्रथम हमारी साइट पर इस मामले का खुलासा किया गया था कि…….

      bihasarif hospital crimebihasarif hospital crime 1 1बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में कैदियों द्वारा विभागीय मिलीभगत से यत्र–तत्र छोटे सिलेन्डरों पर खाना बनाये जा रहे हैं। आलावे वहां तैनात सिपाही की अन्य हरकतों से साफ जाहिर कभी कोई बड़ा हादसा या वारदात हो सकता है।

      यही नहीं, बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में पांच पुलिस जवान तैनात हैं लेकिन, वे  न तो सही से ड्यूटी करते हैं और नहीं कभी वे सब वर्दी में ही रहते हैं। वे प्रायः कैदी के बेड पर ही पड़े रहते हैं और बीमार कैदी से अपना ही सेवा कराते है।

      यहां नशीले पदार्थ भी उपलब्ध रहते हैं। यहां एक सिपाही ही खुद झोला में ताड़ी और गांजा लेकर आता है और अपने सहपाठी कैदी के साथ बैठ कर बथारूम के पास पीते रहता है। यहां प्रायः पुलिस वालों ने अपना एक-एक नौकर कैदी लोग को ही रख लिया है, उसी से वे लोग कैदी वार्ड का सारा काम कराते हैं।

      यहां कुछ दिनों से कैदियों के पत्नियां व परिवार के अन्य लोग भी अन्दर आने लगे हैं। रात्रि के 9-10 बजे रात के बाद ऐसा नजारा आम होता है।

      उपरोक्त तथ्यों के साथ वीडियो क्लीप भी प्रसारित किये जा रहे हैं, जो यह साफ प्रमाणित करते हैं कि कैदी वार्ड में आसानी से मोबाईल का भी प्रयोग होता है। यहां कैदी के परिवार वालों से एक मोबाईल रखने की एवज में 500 रुपये प्रति माह वसूले जाते हैं।

      इस संबंध में कई वीडियो क्लीप साईट के More vedio news में बिहारशरीफ सदर अस्पताल के कैदी वार्ड की ताजा राम कहानी  साफ तौर पर स्पष्ट है।

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