Home देश बिहारशरीफ बड़ी पहाड़ी की दीवार खुदाई में मिले दुर्लभ अवशेष

बिहारशरीफ बड़ी पहाड़ी की दीवार खुदाई में मिले दुर्लभ अवशेष

” बिहारशरीफ का बड़ी पहाड़ी , जिसे हिरण्य पर्वत के नाम से जाना जाता है। इस पहाड़ के ऊपर जिला प्रशासन के द्वारा सौन्दर्यी कारण का कार्य करवाया जा रहा है, उसकी चाहर दीवारी की खुदाई के दौरान पुरातात्विक अवशेष मिले हैं।”

BADI PAHARI BIHARSARIF 2 बिहारशरीफ (न्यूज ब्यूरो)। नालंदा का पूर्व से गौरवशाली इतिहास रहा है राजगीर , नालंदा , सिलाव ,बिहार शरीफ सहित कई ऐसे इलाके हैं जहाँ आज भी पुरातात्विक अवशेषों मिल रहे है। इसी कड़ी में पहाड़ के ऊपर खुदाई में पुरातात्विक अवशेष मिले हैं। 

काले पत्थर का यह अवशेष किसी बौध्द या हिन्दू देवी देवताओं के मुख्य द्वार के प्रारूप को दर्शाता है। इस अवशेष में खंडित भगवन बुध्द या किसी देवता की और परी तथा विभिन्न मुद्राओं में कई  मूर्तिया मौजूद है।

हालांकि इस अवशेष को पुरतत्व विभाग को सौपा नहीं गया है की यह अवशेष पाल शुंग या फिर मुगलकाल का है इसका पता नहीं चल सका है । मगर इस पहाड़ का भर्मण करने बौध्द घर्म के लोग भी आते है।

इस पर्वत के ऊपर मल्लिक इब्राहिम बया शाह का मकबरा है, जिसका निर्माण मल्लिक इब्राहिम बया शाह के बड़े पुत्र सैय्यद दायुद ने करवाया था। यह मकबरा भी नालंदा के पुरतात्विक स्थलों में से एक है। प्रत्येक वर्ष इस मज़ार पर उर्श का भी आयोजन किया जाता है।

ऐसी किवदंती है कि मल्लिक इब्रहीम बया शाह मुग़ल बादशाह फ़िरोज़ शाह तुगलक के सिपह सालार थे।   ईरान से  इन्हें बिहार फतह करने के लिए बिहार शरीफ भेजा गया  था।  इस पर्वत पर अपना बसेरा बनाया। उस समय जादू टोना टोटका का दौर था। इसलिए उन्होंने अपना बसेरा यहां यही बना लिया। जहां से वे अपने दुश्मनो पर नज़र रखते थे।

कहा जाता है कि उस समय यहाँ की आवाम टोना टोटका से परेशान थी। उन्होंने जादूगरों और टोना टोटका करने वालो के खिलाफ जंग का एलान कर दिया।

यह तो हुई इस मकबरे की बात अब हम रुख करते हैं इस पहाड़ की दायी चोटी की ओर। इस चोटी पर आज से करीब दो दशक पूर्व शिव मंदिर का निर्माण कराया गया है, जो आकर्षण का केंद्र है।  हाल के दिनों में जिला प्रसासन के द्वारा इस पर्वत के ऊपर पार्क का निर्माण कराया जा रहा है ।

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