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बालू माफिया और हत्यारों की गिरफ्तारी तो दूर, 25 घंटे बाद FIR तक नहीं!

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महिला से छेड़छाड़ के वायरल वीडियो मामले में 36 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने वाले बांका पुलिस प्रशासन खुद अपने ही एक वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी तो दूर 22 घंटे बीत जाने के बाद भी एफआइआर तक दर्ज नहीं कर पाया है। मामला अवैध बालू कारोबार से जुड़ा है, इसलिए भी बांका पुलिस की इस मामले में सुस्ती यहां चर्चा का विषय बनी हुई है………….”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (बांका लाइव)। बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान कल रात करीब 11:00 बजे बांका के एसडीपीओ और पुलिस के सुरक्षाकर्मियों पर बालू माफियाओं ने अमरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चांदन नदी के जेठौर घाट के समीप जनकपुर में हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।banka live news 2

हमले में एसडीपीओ की हालत इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें बांका सदर अस्पताल से भागलपुर रेफर कर दिया गया। मामला संगीन था, इसलिए सुबह से ही इस मामले में बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और धरपकड़ अभियान की उम्मीद की जा रही थी।

इस बीच, इसी प्रकरण में कल रात ही पुलिस और बालू माफियाओं के बीच झड़प के दौरान गोली लगने से फंटूश यादव नामक युवक की मौत हो गई। वह एक ट्रक ड्राइवर था।

फंटूश की मौत पुलिस की गोली से हुई या बालू माफियाओं की गोली से, यह तो अलग जांच का विषय है, लेकिन इस मामले में एफआईआर होना है, इसमें कोई संशय नहीं।

फंटूश के परिजन उसकी हत्या के लिए बालू ठेका कंपनी के लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। चर्चा यह भी है कि उसकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई।

बहरहाल, जिस किसी की भी गोली से फंटूश की मौत हुई हो, वह तो जांच में स्पष्ट होगा, लेकिन जांच से पहले FIR किया जाना है, जो घटना के 24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हो सका है।

एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव और पुलिसकर्मियों पर हमले के लिए खुद बांका पुलिस प्रशासन भी बालू माफियाओं को जिम्मेदार मानता है। एफआईआर उनके विरुद्ध भी अब तक नहीं हो पाया है। एसडीपीओ का अभी भागलपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

इसके पूर्व बालू के अवैध कारोबार प्रकरण में गोली लगने से फंटूश यादव की मौत हो जाने के बाद उसके परिजनों एवं ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा।

उन्होंने बांका- अमरपुर मार्ग को अपने गांव से सटे महागामा मोड़ के पास जाम कर दिया।

इस दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन एवं बालू ठेका कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम कर रहे परिजन एवं ग्रामीण मृतक फंटूश यादव के परिवार वालों को मुआवजा एवं दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे थे।

फंटूस यादव के परिजनों एवं क्षेत्र के ग्रामीणों ने रोष प्रदर्शन करते हुए बांका- अमरपुर मुख्य मार्ग पर अपने गांव से सटे महागामा मोड़ के पास सुबह से ही सड़क जाम कर दिया।

जाम के दौरान मार्ग पर यातायात अवरुद्ध करने के लिए उन्होंने अनेक स्थानों पर टायर जला दिए। परिजन एवं ग्रामीण पुलिस प्रशासन एवं बालू ठेका कंपनी के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे।

जाम के कारण उक्त मार्ग पर करीब 5 घंटे तक यातायात पूरी तरह अवरुद्ध रहा। जाम के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

जाम कर रहे परिजन एवं ग्रामीण मुआवजे के साथ-साथ जिलाधिकारी एवं एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े थे।

लेकिन आज दोपहर एएसपी अभियान ओम प्रकाश सिंह मौके पर पहुंचे। प्रखंड मुख्यालय से भी अधिकारी वहां पहुंचे।

अधिकारियों ने समझा-बुझाकर ग्रामीणों को जाम हटाने के लिए राजी किया। इस बीच अंचलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से ₹20000 की आपात अनुग्रह राशि मृतक के परिजनों को दिए जाने की घोषणा की। अधिकारियों ने कहा कि मुआवजे की बात कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत बाद में आगे बढ़ाई जाएगी।

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