“पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ़ दो सीट जीतने वाली जदयू अब युवा और नए चेहरे को मौका देने का मन बना लिया है….”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। लोकसभा चुनाव को लेकर जदयू में चर्चा और मंथन जारी है। पहले चर्चा चला कि आखिर कौन होगा बिहार में एनडीए का चेहरा। इस ‘रार’ पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पूर्ण विराम लगाते हुए एलान किया कि बिहार में पीएम और सीएम ही एनडीए के संयुक्त चेहरे होंगे ।
जदयू के राज्यसभा सांसद-राष्ट्रीय महासचिव और ‘सीएम पॉलिटिक्स मैनेजर’ कहे जाने वाले आरसीपी सिंह ने कहा है कि सीएम नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में नए चेहरे को मौका देंगे। ज्यादा से ज्यादा युवा और नए चेहरे को मौका मिलेगा। जदयू लोकसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह तैयार है।
रविवार को होने वाली जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस मामले में विस्तृत रूप से चर्चा होगी।एनडीए में सीटों के बंटबारे को लेकर कोई तकरार नहीं है।
राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह आज जेडीयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ की बैठक में शामिल होने के लिए आए हुए थे।
इस बैठक में पार्टी के साथ अति पिछड़ा समाज को गोलबंद करने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में यह भी तय हुआ कि जल्द ही अति पिछड़ा जिला सम्मेलन के दूसरे दौर की शुरुआत होगी।
राज्यसभा सांसद ने प्रतिपक्ष नेता के बयान को लेकर हमला करते हुए कहा कि जिस परिवार का 15 साल तक शासन रहा उन्हें पिछडों-दलितों की याद क्यों नहीं आई।
आरसीपी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। नीतीश सरकार का विश्वास और संकल्प ही सुशासन का रूप है।
सीएम सुशासन को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं। तभी तो मॉब लींचिग पर कानून बनाने की पहल करने वाला बिहार पहला राज्य बना। सीएम ने पांच लाख संविदा कर्मियों को स्थायी करने का काम किया है।
राज्यसभा सांसद ने आज पिछड़ा सम्मेलन में पिछडों की एकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही दूसरे दौर का पिछड़ा सम्मेलन शुरू होगा। इससे पहले दौर की पिछड़ा सम्मेलन सांसद आरसीपी सिंह ने अपने गृह जिला नालंदा से शुरू की थीं जो काफी ऐतिहासिक रही थी।