” मुख्यमंत्री रघुवर दास आते हैं। सामने विशेष बर्तन में महिलाओं को जल लिए देखते हैं। फिर पैर का चप्पल उतार थाली में अपने पैर रख देते हैं। शरीर प्रणाम की भूमिका में आ गया है। अब सजी-संवरी दो महिलाएं जल और पुष्प से सीएम साहेब का पैर पखारने लगी हैं। रघुवर दास चेहरे की प्रसन्नता चरम पर दिखती है । अब सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि सीएम साहेब, महिलाओं से पैर धुलवाकर आप स्वयं को क्या सिद्ध करना चाह रहे हैं।”
महिलाओं से पैर धुलवाने को लेकर कई साल पहले अयोध्या में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की भी खूब किरकिरी हुई थी। तब साध्वी परंपरा की कुछ महिलाओं ने मोहन भागवत के पैर धोये थे। अयोध्या के साधु-संतों ने तगड़ा विरोध किया था।
महिलाओं से पैर धुलवाते सीेम रघुबर दास की जो तस्वीर वायरल हो रही है, वह जमशेदपुर की है। पुरानी नहीं, फ्राइडे 7 जुलाई के कार्यक्रम की है। जमशेदपुर-रांची के अखबारों में भी छपी है। लेकिन, कन्वेंशनल मीडिया ने जो नोटिस नहीं किया, वह सोशल मीडिया ने अब बहस बना दिया है। तस्वीर देखें। रघुबर दास के लिए स्वागत-द्वार पर विशेष थाल रखी गई है। उसमें कई तरीके के फूल हैं।
सीेम रघुबर दास आते हैं। सामने विशेष बर्तन में महिलाओं को जल लिए देखते हैं। फिर पैर का चप्पल उतार थाली में अपने पैर रख देते हैं। शरीर प्रणाम की भूमिका में आ गया है। अब सजी-संवरी दो महिलाएं जल और पुष्प से सीएम साहेब का पैर पखारने लगी हैं। रघुबर दास चेहरे से प्रसन्न दिख रहे हैं।
यह तस्वीर फ्राइडे को जमशेदपुर के कदवां में भारतीय युगवशिष्ठ ब्रह्मानंद संघ के ब्रह्मलोक धाम में आयोजित गुरु पूर्णिमा कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान कैद की गई थी। अब सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि सीएम साहेब, महिलाओं से पैर धुलवाकर आप स्वयं को क्या सिद्ध करना चाह रहे हैं।
बताते चलें कि अभी कुछ ही दिन हुए, रघुवर दास एक होर्डिंग को लेकर चर्चा में थे, जिस पर लिखा था- ‘रघुकुल’ रीति सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई।’ खुद के इस महिमामंडन को लेकर उनकी जबर्दस्त आलोचना हुई थी।