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पेयजल-शौचालय तक नहीं है सुशासन बाबू के घर-आंगन के तेलमर हाई स्कूल में

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सबसे बड़ी परेशानी समाज की बिटिया छात्राओं को हो रही, नीचे से उपर तक कोई नहीं सुन रहा उनका दर्द, स्कूल के हेडमास्टर भी दुःखी

TELMAR HAIGH SCHOOOL 1 नगरनौसा,नालन्दा(INR)। सरकार बेहतर और सुलभ शिक्षा के चाहे लाख बडे दावे कर रही हो लेकिन जमीनी तस्वीर अभी भी बदरंग है। यहां सरकारी स्कूलों में संसाधनों व शिक्षकों का टोटा शिक्षा व्यवस्था के लिए दंश साबित हो रहा है।

मामला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला के गृह प्रखंड के उच्य विद्यालय तेलमर से जुड़ा है। जहाँ विद्यालय को बुनियादी सुविधाओं की बाट जोहते-जोहते एक-दो वर्ष नहीं, आजादी के पूरे छः दशक बीतने को हो लेकिन, सरकार की नजर कभी इस ओर गई ही नहीं। परिमाण स्वरूप यहां का शैक्षणिक माहौल तहस-नहस हो रहा है।

हालात इस कदर वदवतर है कि विद्यालय में पढ़ाई करने आने बाले छात्र-छात्राओं के लिए न पानी के लिए पर्याप्त व्यवस्था न ही शौचालय की।

शौचालय गंदा होने से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना छात्राओं को करना पड़ रहा है। सरकारी स्कूलों में किस तरह सरकार के ही बनाए हुए नियम कायदों को ताक पर रखकर देश के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है।

छात्रों ने सुनाई अपनी यूं पीड़ा

बिद्यालय में पढ़ाई करने आये छात्रा विशाखा कुमारी,शिम्पी कुमारी,अमन कुमार,सोनी कुमारी,पुष्पा कुमारी,पूजा कुमारी,अंकित कुमार खुश्बू कुमारी सहित दर्जनों छात्राओं ने बताया की बिद्यालय परिसर में चापाकल तो है लेकिन बच्चे इसका पानी नही पी सकते। एक शौचालय है लेकिन उसका उपयोग नही किया जा सकता। गर्मी के इस मौसम में भी बिद्यालय में पानी के लिए कोई व्यवस्था नही है। शौचालय गंदा पड़ा एवं जर्जर है। छात्र तो इधर उधर चले जाते है लेकिन छात्राये कहाँ जाय

छात्रों की पीड़ा पर प्रधानध्यापक भी दिखे यूं व्यथितः

उच्च विद्यालय तेलमर के प्रधानध्यापक राजकुमार पासवान, शिक्षक नीरज कुमार,चंद्रकांत कुमार ने बताया कि विद्यालय प्रशासन की ओर से कई बार हरनौत प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड प्रमुख, तेलमर पंचायत के मुखिया से लेकर आला अधिकारियों तक लिखित आवेदन दे कर समस्या से अवगत कराया जा चूका है लेकिन, आज तक न तो कोई नेता, न कोई मंत्री तथा न कोई आला अधिकारियों ने मामले पे कोई उचित कारबाई किये, जिससे आज तक  उच्च विद्यालय तेलमर  हमेशा अनदेखी का शिकार हो रहा है।

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