“तब पटना जिले के पंडारक दियारा में एसटीएफ और रामजनम यादव गिरोह के बीच मुठभेड़ में लगभग तीन सौ राउंड फायरिंग हुई। एसटीएफ की फायरिंग से घबराये अपराधियों ने अपने अपने हथियारों को गंगा नदी में फेंक दिया था और निकल भागे थे। पुलिस ने तीन थ्री फिफ्टीन रायफल, एक पिस्तौल और कारतूस बरामद किया था।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (बाढ/पटना)। रविवार की देर शाम पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन की जेनरल बोगी में सवार जिस कुख्यात अपराधी रामजनम यादव की गोली मार कर हत्या की गई वह अपराधी पुलिस के लिए तो सिरदर्द बना था।
उस पर लगभग डेढ़ दर्जन मामले दर्ज थे, जिनमें 5 मामलों में वो फरार चल रहा था। इसके साथ वह मोकामा के निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की भी हत्या का षड्यंत्र रच रहा था।
गौरतलब है कि पंडारक निवासी इस कुख्यात की अथमलगोला रेलव स्अेशन पर रविवार को शाम उस वक्त ट्रेन में ही गोली मार दी गई जब ट्रेन अथमल गोला स्टेशन से खुलने वाली थी। रामजनम यादव ने ट्रेन में ही दम तोड दिया था।
रामजनम और उसका गिरोह बाढ और टाल के इलाके में आतंक का प्रयाय बन चुके थे। बाढ़ एनटीपीसी के निर्माण में जुड़े ठेकेदारों से रंगदारी वसूलना और नही देने पर फायरिंग कर दहशत फैलाना इस गैंग का मुख्य पेशा था। दबंगता के बल पर इसने अपनी पत्नी को मुखिया भी बनाया था। उदय यादव गैंग से इसकी अदावत थी।
आशंका जतायी जा रही है कि उदय यादव गिरोह ने ही इस हत्या को अंजाम दिया है। रामजनम यादव और उसके गुर्गों के पीछे बिहार एसटीएफ की एसओजी सहित कई टीमें भी की लगी थी।
बीते वर्ष 16 सितम्बर को को एसटीएफ टीम को रामजनम और उसके गिरोह के पंडारक के माला घाट दियारा इलाके में होने की गुप्त सूचना मिली थी।
इस सूचना के बाद आईजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन के निर्देश पर एसटीएफ ने उस इलाके की घेराबंदी कर दी। इसके बाद बिहार एसटीएफ के जवानों और रामजनम गिरोह के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है।
तब पटना जिले के पंडारक दियारा में एसटीएफ और रामजनम यादव गिरोह के बीच मुठभेड़ में लगभग तीन सौ राउंड फायरिंग हुई।
एसटीएफ की फायरिंग से घबराये अपराधियों ने अपने अपने हथियारों को गंगा नदी में फेंक दिया था और निकल भागे थे। तब पुलिस ने तीन थ्री फिफ्टीन रायफल, एक पिस्तौल और कारतूस बरामद किया था।