“अमुमन पुलिस किसी भी वारदात के बाद बदमाशों की गिरफ्त को अपनी उपलब्धि भुनाने की जुगत में भीड़ जाती है। सरायकेला पुलिस ने भी यही किया। तबरेज को गांव वालों ने चोरी करने के दौरान एक घर से दबोचा था और मारपीट के बाद पुलिस को सौंप दिया था। लेकिन पुलिस ने छापामारी अभियान के तहत बड़ी उपलब्धि बना दिया और मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति भी जारी कर दी। हालांकि सरायकेला की मीडिया ने भी वहीं गलतियां दोहराई, जैसा कि हर जगह अपनाई जाने की कुप्रवृति चल पढ़ी है….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। झारखंड की सरायकेला पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 17 जून की रात्रि में अपराधियों के विरुद्ध छापेमारी अभियान के दौरान तबरेज अंसारी को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से चोरी की एक मोटरसाइकिल एवं अन्य सामान बरामद किए गए।
छापेमारी दल में थाना प्रभारी अविनाश कुमार, सीनी ओपी प्रभारी विपिन बिहारी सिंह, सअनि अनिल कुमार व सअनि जवाहरलाल यादव बताया गया।
जबकि, धातकीडीह के ग्रामीणों ने चोरी करते हुए तबरेज को रंगे हाथ पकड़कर पुलिस को सौंपा था। ग्रामीणों के अनुसार 17 जून की रात तबरेज अपने दो साथियों के साथ गांव के कमल महतो के घर चोरी करने की नीयत से घुस रहा था।
इस बीच घर वाले जाग गए और उसे पकड़ लिया। इस दौरान दोनों साथी भागने में सफल रहे। सुबह पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। इसके बाद ग्रामीणों ने तबरेज को पुलिस के हवाले किया।
इधर तबरेज अंसारी की गिरफ्तारी पर गलत प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के मामले में सरायकेला ने गंभीरता से लेते हुए सरायकेला थाना प्रभारी अविनाश कुमार पर विभागीय के जांच के आदेश दे दिए हैं। एसपी खुद मामले को संज्ञान में लेकर अपने स्तर से जांच कर रहे हैं।
सरायकेला थाना प्रभारी ने 18 जून को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर तबरेज अंसारी की गिरफ्तारी 17 जून की रात छापेमारी अभियान के दौरान बताया है, जबकि प्राथमिकी के अनुसार 18 जून को सुबह आठ ग्रामीणों ने पकड़ कर तबरेज अंसारी को पुलिस के हवाले किया था।
मीडिया में समाचार प्रकाशित होने पर पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने मामले को संज्ञान में लेकर को कार्य में लापरवाही बरतने पर सरायकेला थाना प्रभारी अविनाश कुमार पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। विभागीय कार्रवाई में दोषी पाए जाने पर थाना प्रभारी पर निलंबन की गाज भी गिर सकती है।
इसके पूर्व 24 जून को इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने आंतरिक जांच के उपरांत तत्कालीन खरसावां थाना प्रभारी पुनि चंद्रमोहन उरांव एवं सीनी ओपी प्रभारी सअनि विपिन बिहारी सिंह को कार्य में लापरवाही, घटना के संबंध में ससमय वरीय पदाधिकारी को प्रतिवेदन नहीं देने तथा उसी दिन मामला दर्ज नहीं करने के आरोप में निलंबित किया जा चुका है।
इसके पहले तबरेज केस की फाइल सरायकेला थाना प्रभारी के पास थी, उसे आरआइटी थाना प्रभारी को सौंप दिया गया है।