पटना (संवाददाता)। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव आज प्रेस कांफ्रेस में कहा कि बिहार में सृजन घोटाला 15 हजार करोड़ तक पहुंच गया है। फिर भी बिहार के मुख्यमंत्री पलटू राम (नीतिश कुमार) और उपमुख्यमंत्री सलटू राम (सुशील मोदी) गाल बजा रहे हैं। जबकि इन दोनों को 10 साल पहले ही सृजन घोटाला की जानकारी मिल गई थी।
उन्होंने कहा कि कल नीतिश भाषण में कह रहे थे कि मैंने इस घोटाले को उजागर किया और इसकी जांच करवाउंगा। वे जिस तरह से बोल रहे थे, उससे साफ लग रहा था कि जिसके अंदर खुद छेद होते हैं, वही इस तरह की बात करता है।
लालू ने कहा कि मेरे परिवार पर जितना हमला बोलना है बोल लो। हमारी सारी संपत्ति पब्लिक डोमेन में है। एनडीए के साथ रहते हुए नीतीश कुमार ने जमकर जनता का पैसा उड़ाया। सृजन घोटाला उसी का एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि वे पलटूराम और ढ़ोंगी सुशील मोदी से यह जानना चाहते हैं कि समाजिक कार्यकर्ता ने सृजन घोटाला से संबंधित जानकारी देते हुए विशेष पत्र लिखा था, लेकिन नीतीश कुमार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। नीतीश कुमार ने घोटालेबाजों को बचाने का भी काम किया।
उन्होंने मीडिया को बताया कि 2013 में भागलपुर के तत्कालिन डीएम ने सृजन घोटाले की जांच करवायी थी लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आयी। आखिर उस रिपोर्ट को दबाकर किसे फायदा पहुंचाया गया।
उन्होनें सबाल किया कि मुख्यमंत्री ने उस डीएम को क्यों हटा दिया। 10 साल पहले तक नीतीश कुमार को सृजन लूट की जानकारी मिल गयी थी तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की।
लालू ने कहा कि वित्त मंत्री सुशील मोदी और नीतीश कुमार दोनों इस घोटाले का दोषी है। रिजर्व बैंक को जानकारी हो गया। सबको मालूम हो गया कि अब हम इस घोटाले में नहीं बचने वाले हैं, इसलिए तुरंत एनडीए के शरण में चल गये।
उन्होंने कहा कि सभी घोटालेबाजों को नीतीश कुमार और भाजपा का समर्थन था। बिहार सरकार के पदाधिकारी जयश्री ठाकुर के खाते से 7 करोड़ रूप जब्त किये गये। इसकी सेवा को बर्खास्त करने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास था, लेकिन वर्षों तक उसे सेवा में बने रहने दिया। उन्हें कुछ दिनों पहले बर्खास्त किया गया है। उनकी सभी पोस्टिंग भागलपुर और बांका के आसपास ही किया गया। भूअर्जन पदाधिकारी रहते हुए उन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
उन्होंने कहा कि 2010-11 में सीएजी ने 11 हजार करोड़ की अनियमितता के बारे में कहा था, लेकिन उसकी जांच नहीं की गई। सुशील मोदी अरबो रूपया का निवेश अपने सगा-संबंधियों के नाम पर निवेश कर दिया है।
उन्होंने कहा कि सीबीआइ जांच के नाम पर मुख्यमंत्री किसे बेवकुफ बना रहे हैं। कहते हैं कि चेक बाउंस हुआ, तब हमको मालूम हुआ। अरे आपको तो 2013 में ही मालूम हो गया था। फिर इतने चुप क्यों थे। बाद में अपने अधिकारियों को लिपापोती के लिए भेज दिया।
लालू ने कहा कि बिहार का लिट्टी-चोखा और नीतीश का धोखा, पूरे देश में चर्चित हो गया है। क्या नीतीश कुमार आरबीआइ का सर्कुलर नहीं जानते हैं। यह घोटाला 1500 करोड़ से उपर का हो गया है।
लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी दोनों इस्तीफा दो, नहीं तो हमारा हमला जारी रहेगा। राजद लगातार आंदोलन करता रहेगा।